यमुनानगर: मलेरिया, डेंगू व चिकिनगुनिया की रोकथाम के लिए अतिरिक्त सावधानियां बरतें नागरिक : DC

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प्रभजीत सिंह (लक्की), यमुनानगर :
मलेरिया व डेंगू के खात्मे को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रूप से गंभीर एवं प्रयासरत है। सरकार द्वारा भी अथक प्रयास किए जा रहे हैं। COVID-19 जैसी जानलेवा बीमारी के साथ-साथ मलेरिया, डेंगू व चिकिनगुनिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पैनी नजर बनाए हुए है। इस बारे जानकारी देते हुए उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने नागरिकों से आग्रह करते हुए कहा कि वे स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। अपने आस-पास के स्थानों पर पानी को इक्क्ठा न होने दें।
उन्होंने बताया कि मच्छर ठहरे हुए पानी में अंडे देते हैं, जिससे मलेरिया व डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की बढ़ोतरी तेजी से होती है। इसलिए तुरंत प्रभाव से मलेरिया उन्मूलन की सभी टीम ठहरे हुए पानी मे काला तेल व टेमिफोस की दवाई का छिडक़ाव कर रहे है, जिससे मच्छर का लारवा खत्म हो सके और जानलेवा बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की उत्पत्ति पर पूर्ण रूप से रोक लग सके। इस संबंध में जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं।

स्वच्छ पानी में पनपता है डेंगू फैलाने वाला मच्छर

उपायुक्त ने बताया कि डेंगू फैलाने वाला मच्छर स्वच्छ पानी में पनपता है। इसके लिए जिला में ब्रीडिंग चेकर, फील्ड वर्कर द्वारा घर-घर जाकर मलेरिया उन्मूलन संबंधी मच्छर के लारवा की ब्रीडिंग चेक की जा रही है और ब्रीडिंग पाए जाने पर तुरंत प्रभाव से टीमों द्वारा टेमिफोस की दवाई डलवाकर लारवा को नष्ट किया जा रहा है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे हर रविवार को सभी लोग ड्राइ डे शुष्क दिवस के रूप मे मनाएं, जिस दौरान घर के सभी कूलर व टंकियों को अच्छी तरह से साफ  कर लें, फ्रिज की ट्रे का पानी जो बिजली जाने के बाद फ्रिज की बर्फ  के पिघलने से ट्रे में एकत्रित होता है, उसको जरूर साफ  करें।
अगर साफ  करना संभव न हो तो उसमे 5 से 10 एमएल पेट्रोल या डीजल का तेल डाल सकते हैं। क्योंकि फ्रिज की ट्रे के साफ  पानी में डेंगू फैलाने वाले, डीज मच्छर की उत्पत्ति होती है। घर मे प्रयोग किए जा रहे एसी के पानी को एकत्रित न होने दें। क्योंकि एसी के साफ  एकत्रित पानी में भी डेंगू फैलाने वाले मच्छर पैदा होते हैं, जिस पानी को निकालना संभव न हो उसमें काला तेल या डीजल डाल सकते हैं, जिससे मच्छरों की उत्पत्ति न हो पाए।
जिले में घरो की जांच स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा की जा रही है और जिन घरो में मच्छर का लारवा मिल रहा है, उन सभी घरों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चेतावनी संबंधित नोटिस दिए जा रहे हैं और साथ में हिदायत भी दी है कि आगे से पानी के सभी स्त्रोतों की सप्ताह में एक बार पानी को सुखाकर अच्छी प्रकार से कपडे से रगडक़र साफ  करे, जिससे मच्छरों की बढ़ोत्तरी पर रोक लग सके। उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने आमजन से अपील की है कि सभी को रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए व दिन के समय पूरी बाजू के कपड़े पहनने चाहिए, जिससे मच्छर के काटने से बचा जा सके।
उन्होंने बताया कि मलेरिया के शुरूआती लक्षणों में तेज ठंड के साथ बुखार आना, सर दर्द होना व उल्टियों का आना है। इसलिए कोई भी बुखार आने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर मलेरिया की जांच करवाएं और अगर मलेरिया जांच में पाया जाता है तो उसका 14 दिन का इलाज स्वास्थ्यकर्मी की देख रेख में करे।