प्रभजीत सिंह (लक्की), यमुनानगर :
गांव गुमथला के नंबरदार दीप राणा की माता बिमला देवी (80) के निधन पर रविवार को मृतक महिला की चारों बेटियों ने उनकी अर्थी को कंधा देकर ग्रामीणों को बेटे व बेटी के एक समान होने का संदेश दिया। मृतक महिला बिमला देवी के शव को उनके पोते जितेंद्र राणा ने मुखाग्नि दी। मृतक महिला बिमला देवी पिछले लगभग 30 वर्षो से डेरा सच्चा सौदा से जुड़ी हुई थी। जिसकी प्रेरणा से महिला ने अपनी मृत्यु के बाद आंखें दान करने का संकल्प लिया था। महिला की मृत्यु के बाद उनकी आंखें माधव नेत्र बैंक करनाल को दान की गई। जिसके बाद उनकी आंखों से 2 लोग इस हसीन दुनिया को फिर से देख सकेंगे। महिला द्वारा मृत्यु के बाद आंखें दान करने की समाज के लोगों ने भरपूर प्रशंसा की है। नंबरदार दीप राणा ने बताया कि उनकी माता बिमला देवी कुछ समय से बीमार चल रही थी। उनकी इच्छा थी कि उनकी आंखें मृत्यु के बाद दान की जाए। उनकी इच्छानुसार आंखें दान की गई है। जबकि उनकी बेटी रानी इंसा, गुड्डी इंसा, गीतु इंसा, बॉबी इंसा व सोहन इंसा ने अपनी माता की अर्थी को कंधा देकर सभी को संदेश दिया कि आज समाज में बेटा व बेटी एक समान है। दोनों में कोई फर्क नहीं है। डेरा सच्चा सौदा की ओर से भी यही संदेश दिया गया है कि बेटिया भी अपने मां-बाप की अर्थी को बेटे के समान कंधा दे सकती है। इससे समाज में बेटे व बेटी के बीच के फर्क को खत्म किया जा सकता है।