प्रभजीत सिंह (लक्की), यमुनानगर :
बरसात के मौसम के दौरान जिला प्रशासन संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद है और प्रशासन द्वारा हर प्रकार की तैयारियां पूर्ण की गई हैं। उपायुक्त गिरीश अरोरा ने बताया कि प्रशासन द्वारा बरसात के मौसम में जिला के उतरी क्षेत्र से जुड़े पहाड़ी कैंचमैंट एरिया तथा हिमाचल प्रदेश व उत्तराखण्ड में अचानक अधिक वर्षा होने के कारण जिला में सम्भावित बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिये सभी प्रकार की तैयारियां की गई हैं। जिला में सम्भावित बाढ़ जैसी स्थिति पर दिन-रात नजर रखने के लिए जिला सचिवालय में जिला स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। इस बाढ़ नियंत्रण कक्ष में लगे टेलीफोन नम्बर 01732-237801 पर किसी भी समय सम्भावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के बारे में सूचना देकर सहायता प्राप्त की जा सकती है। जिला स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के इंचार्ज परियोजना अधिकारी हैं। इसके अतिरिक्त सब डिवीजन स्तर पर बिलासपुर, रादौर व छछरौली तथा जल सेवाएं मंडल जगाधरी के कार्यालय, हथनी कुंड बैराज व नगर निगम कार्यालय में भी बाढ़ नियंत्रण कक्षों की स्थापना की गई है।
गिरीश अरोरा ने यह भी बताया कि सब डिवीजन कार्यालय रादौर में स्थापित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के इंचार्ज तहसीलदार रादौर को बनाया गया है व इस बाढ़ नियंत्रण कक्ष का टेलीफोन नम्बर 01732-283899 व मोबाईल नम्बर 9813199583 है। उन्होंने बताया कि सब डिवीजन कार्यालय बिलासपुर में स्थापित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के इंचार्ज तहसीलदार बिलासपुर को बनाया गया हैं और इस बाढ़ नियंत्रण कक्ष का टेलीफोन नम्बर 01735-237837 व 9991414272 है । इसी प्रकार छछरौली के तहसील कार्यालय में स्थापित बाढ़ नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नम्बर 01735-277339 व 9017177707 है।
उन्होंने बताया कि कार्यकारी अभियंता जल सेवाएं मंडल जगाधरी के कार्यालय जो कि नहर कालोनी में स्थित है, में भी बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है, जिसका टेलीफोन नम्बर 01732-237837 है व मोबाइल नम्बर 8558998001 पर भी सम्पर्क किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त ताजेवाला व दादुपुर हैड में भी नियंत्रण कक्षों की स्थापना की गई है जिनसे मोबाईल नम्बर 8053444519 व 9499427920 से नदियों के जल स्तर की पूरी जानकारी ली जा सकेगी और यह बाढ़ चेतावनी कक्ष जिला के अधिकारियों को जल स्तर की मात्रा की समय-समय पर पूरी जानकारी देगें। उन्होंने बताया कि मानसून के मौसम में अधिक वर्षा होने के कारण जिला के किसी भी हिस्से में सम्भावित बाढ़ जैसी स्थिति के दौरान बाढ़ राहत कार्यो में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी व बरती गई किसी भी प्रकार की अनियमितता के लिए सम्बन्धित विभाग के अधिकारी स्वयं जिम्मेदार होगें। उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि कोई भी अधिकारी बरसात के मौसम के दौरान बिना अनुमति के अपना मुख्यालय न छोड़े व अपने अपने मोबाइल फोन हमेशा चालू हालत में रखें तथा अपने अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी सतर्क रखे ताकि बाढ़ जैसी संभावित आपदा से बचने के लिए सभी की सेवाएं ली जा सके।
उपायुक्त गिरीश अरोरा ने बताया कि जिला सचिवालय में स्थापित जिला बाढ़ नियंत्रण कक्ष में 24 घण्टें भिन्न-भिन्न सरकारी विभागों के योग्य एवं कर्मठ अधिकारियों/कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई है, जो अलग-अलग शिफ्टों में डयूटी पर तैनात हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ नियंत्रण कक्षों पर तैनात अधिकारी एवं कर्मचारी जिला के उत्तरी छौर के पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक वर्षा होने के कारण नदियों के जल स्तर में अचानक वृद्धि होने से किसी क्षेत्र में सम्भावित बाढ़ जैसी स्थिति की जानकारी जिला के उच्च अधिकारियों को तुरंत देगें ताकि जिला प्रशासन तुरंत बाढ़ बचाव कार्यो में पूरी मुश्तैदी से जुट सकें।
उन्होंने जिलावासियों से अपील की है कि वे बरसात के मौसम में स्वयं या अपने परिवार के सदस्यों को विशेषकर बच्चों को नदियों, नहरों, नालों व तालाबों की ओर न जाने दें, क्योंकि बरसात के मौसम में नदियों, नहरों, नालो व तालाबों का जलस्तर अचानक बढ़ जाता है व कोई भी अनहोनी हो सकती है। अत: सभी को सावधान रहना जरुरी है। उन्होंने किसानों व मजदूरों से भी अपील की है कि वे बरसात के मौसम के दौरान नदियों के बीच टापू में स्थित खेतों एवं डेरों में जाने की लिए भी सावधानी बरते।