आज समाज डिजिटल, पानीपत:
Yagya And Vedic Rituals: राजकीय उच्च विद्यालय निंबरी पानीपत के प्रांगण में विक्रमी संवत 2079 चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से 123 वे हिंदू वर्ष का प्रारंभ यज्ञ व वैदिक रीति रिवाज से किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरजीत सिंह ने की उन्होंने बच्चों को जीवन में परिश्रम करने की सलाह दी उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति जीवन में पुरुषार्थ संयम और धैर्य रखता है वह जीवन में अवश्य सफल होता है। अध्यापक सुरेंद्र राठी व विद्यालय के डीपी ई करण सिंह ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अन्य त्योहारों की भांति इस चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को उत्साह व उमंग के साथ मनाना चाहिए, क्योंकि इसी समय बसंत ऋतु का प्रारंभ होता है और पौधों में नए पत्ते, चारों तरफ पुष्पों की सुगंध, फसल पकने का प्रारंभ यानी किसान की मेहनत का फल मिलने का भी यही समय होता है। Yagya And Vedic Rituals

 

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चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा में सब कुछ नया होता है
नक्षत्र शुभ स्थिति में होते हैं अर्थात शुभ कार्य करने का अच्छा समय होता है। सबसे अच्छा समय विद्यार्थियों के लिए होता है, क्योंकि विद्यार्थी अपनी पुरानी कक्षा को पास करके नई कक्षा में आ जाते हैं। जो कि विद्यार्थियों के परिश्रम का प्रतिक है अर्थात चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा में सब कुछ नया होता है। यज्ञ का प्रारंभ गुरुदत्त शर्मा व कला अध्यापक सुरेंद्र राठी के द्वारा विधिवत रूप से प्रारंभ किया गया व पूर्णाहुति के बाद समाप्त किया गया। यज्ञ के पश्चात बच्चों को यज्ञ शेष के रूप में प्रसाद वितरित किया गया तथा विद्यालय के प्रांगण में इस शुभ मुहूर्त के पावन अवसर पर आम के पौधों का रोपण किया गया। इस अवसर पर सुशीला, मोनिका लिपिक, प्रदीप कुमार, सुरेश कुमार माली इत्यादि के अलावा छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। Yagya And Vedic Rituals

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