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Xu Feihong: चीन भारत के साथ विश्वास को मजबूत करने और संबंध बहाल करने के लिए तैयार

Chinese Ambassador To India, (आज समाज), नई दिल्ली: चीन ने कहा है कि वह भारत के साथ विश्वास को मजबूत करने और संबंध बहाल करने के लिए तैयार है। भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच विशेष प्रतिनिधियों की 23वीं बैठक से पहले भारत में चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने आज यह टिप्पणी की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि चीन भारत के साथ काम करने और भारतीय व चीनी नेताओं के बीच समझ को अमल में लाने के लिए तैयार है।

मतभेदों को ठीक से निपटाने के लिए बीजिंग तैयार

फेइहोंग ने यह भी कहा कि चीन और भारत के नेता एक-दूसरे के मूल हितों और प्रमुख चिंताओं का सम्मान करने, संवाद और संचार के जरिये आपसी विश्वास को मजबूत करना चाहते हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि ईमानदारी और सद्भावना के साथ मतभेदों को ठीक से निपटाने और द्विपक्षीय संबंधों को जल्द से जल्द स्थिर व स्वस्थ विकास की पटरी पर लाने के लिए चीन भारत के साथ काम करने को सहमत है।

वार्ता में सीमा मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद

बता दें कि बीजिंग में विशेष प्रतिनिधि वार्ता में चीन-भारत सीमा मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है। दिसंबर 2019 के बाद से यह पहली उच्च स्तरीय वार्ता होगी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों विशेष प्रतिनिधि सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के प्रबंधन पर चर्चा करेंगे और सीमा प्रश्न का निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान तलाशेंगे।

जयशंकर ने संसद को किया है सूचित

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद को सूचित किया है कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चरण-दर-चरण प्रक्रिया के माध्यम से पूरी तरह से विघटन हो गया है, जिसका समापन देपसांग और डेमचोक में हुआ है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखना भारत-चीन संबंधों के विकास के लिए एक शर्त है। इस साल अक्टूबर में भारत और चीन ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त व्यवस्था के संबंध में एक समझौता किया था।

2020 में सेनाओं के बीच हुई झड़प से शुरू हुआ था गतिरोध

गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच सीमा गतिरोध 2020 में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सेनाओं के बीच हुई झड़प से शुरू हुआ था। भारत चीनी सैन्य कार्रवाइयों से भड़क गया था, जिसके कारण दोनों देशों के बीच लंबे समय तक तनाव बना रहा है। चीन-भारत के बीच गतिरोध के चलते दोनों देशों के संबंधों में काफी तनाव आ गया था।

रूस में प्रधानमंत्री मोदी की जिनपिंग के साथ हुई बैठक

इसी साल रूस के कजान शहर में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक हुई और और इस दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना दोनों देशों की प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि आपसी विश्वास द्विपक्षीय संबंधों का आधार बना रहना चाहिए।

ये भी पढ़ें : Ambedkar Controversy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किया अमित शाह की टिप्पणी का बचाव, कांग्रेस पर साधा निशाना

Vir Singh

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