किसानों पर जोर नहीं चला तो कीमती भगत ने बनाया उद्योगपतियों को निशाना

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Wrote Letter To DC Of Jalandhar
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अखिलेश बंसल, बरनाला:

जालंधर के डीसी को लिखा पत्र, कहा पंजाब में गोधन व पशु धन के खाने वाली तूड़ी की बहुत किल्लत, जो उद्योग तूड़ी व रॉ-मटेरियल का इस्तेमाल कर रहे उन पर लगाई जाए पाबंदी।

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पंजाब में तूड़ी की भारी किल्लत

सर्वोच्च न्यायालय के सख्त आदेश को नजरअंदाज करते गत दिनों पंजाब भर में किसानों द्वारा धड़ल्ले से खेतों में जलाई गई अरबों-खरबों रुपए कीमती गेहूं की नाड़ से पंजाब में तूड़ी की भारी किल्लत पैदा हो गई है। लेकिन पंजाब गौ सेवा कमीशन पंजाब सरकार के पूर्व चेयरमैन कीमती भगत ने तूड़ी की किल्लत होने के जिम्मेदार साबुन बनाने वाली फैक्ट्रियों, गत्ता व पेपर मिलों को ठहराया है। उन्होंने जालंधर के उपायुक्त को पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार भगवंत सिंह मान के मार्फत मांग पत्र लिखा है कि पंजाब में गोधन व पशु धन के खाने वाली तूड़ी व रॉ-मटेरियल का इस्तेमाल करने वालों पर पाबंदी लगाई जाए।

जैसा कि कमीशन ने लिखे पत्र में बताया

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पंजाब के मुख्यमंत्री के मार्फत जालंधर के डीसी को भेजे गए पत्र में कीमती भगत ने लिखा है कि पंजाब में गोधन व पशु धन के खाने वाली तूड़ी की बहुत किल्लत आ चुकी है। चारा नहीं होने से बेजुबान मरने की स्थिति में हैं। पंजाब में साबुन बनाने वाली 15 फैक्ट्रियां हैं, जो तूड़ी को फूंक रहीं हैं, 12 गत्ता और पेपर मिलें हैं, जहां सूखी तूड़ी और रॉ-मटेरियल का भारी मात्रा में इस्तेमाल हो रहा है। जिस कारण मार्केट में किसी भी रेट पर तूड़ी नहीं मिल रही। उन्होंने लिखा है कि पंजाब प्रदेश डेयरी स्टेट है, जहां 1572 डेयरी फार्म हैं, जिनके पास लाखों की संख्या में गोधन हैं, प्रदेश में 512 गौशालाएं हैं, जहां करीब 3 लाख 84 हजार गोधन की सेवा संभाल एनजीओ ट्रस्ट और दानी परिवार कर रहे हैं। जबकि करीब 1 लाख 10 हजार लावारिस गोधन पंजाब की सडक़ों पर बेसहारा घूम रहा है। राज्य में कुलमिलाकर एक करोड़ से ज्यादा बेजुबान गोधन व पशुधन हैं।

तूड़ी का रेट हुआ चार गुणा, आगे होगा सात गुणा

कीमती भगत ने बताया है कि गत वर्ष सूखी तूड़ी का रेट 300 से 400 रुपए प्रति किवंटल था, जो इस वर्ष 1200 रुपए से 1300 रुपए/प्रति किवंटल में भी नहीं मिल रही। यदि यही हाल रहा तो अगामी चार माह बाद यही तूड़ी की कीमत पिछले साल के मुकाबले पांच गुणा बढक़र 2000 रुपए प्रति किवंटल हो जाने का अनुमान है।

यह दी चेतावनी

पंजाब गऊ सेवा कमिश्न पंजाब सरकार के चेयरमैन कीमती भगत ने चेतावनी दी है कि अगर पंजाब में स्थित साबुन बनाने वाली फैक्ट्रियों, गत्ता व पेपर मिलों में इस्तेमाल हो रही तूड़ी और रॉ-मटीरियल पर पाबंदी नहीं लगी तो ऐसी प्रस्थिती में एनजीओ संस्थाओं को गोशालाएं और कारोबारियों को डेयरी फार्म चलाना बहुत ही मुशिकल हो जाएंगे। वह अपने पशु मजबूरन सडक़ों पर भेजने लगेंगे।

आयोग के मौजूदा अध्यक्ष सचिन मिले राज्यपाल से

गौरतलब है कि पंजाब गौ सेवा कमीशन पंजाब सरकार के मौजूदा अध्यक्ष सचिन शर्मा ने पंजाब की गोशालाओं में पैदा हुई पौष्टिक चारा की समस्या को लेकर प्रदेश के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से दो दिन पहले ही मुलाकात की है। जिन्होंने अपने तौर पर या सरकार द्वारा फौरन हल करवाने की बजाय राज्यपाल को सलाह दी है कि लुधियाना स्थित गुरु अंगद देव वेटरनरी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों से खोज कराई जाए जिससे चारा की समस्या को दूर हो सके, यह जानते हुए भी कि ऐसी खोज करना एक दो दिन का काम नहीं और ना ही खोज पूरी होने के तुरंत बाद बड़ी तादाद में चारा उपलब्ध किया जा सकता है।

स्कूली बच्चों ने भी भुगता आग का खामियाजा

किसानों द्वारा पंजाब भर में खेतों में गेहूं की नाड़ को आग लगाई गई। जिसमें एक स्कूल की बस जल कर राख हो गई, उसमें सवार कई बच्चों को भी नाड़ को लगी आग ने स्पर्श किया। राह जाते अनेकों वाहनों व राहगीरों को नुकसान हुआ। खेतों में फसलों के मित्र कीड़े जिंदा जल गए। गेहूं की बची नाड़ को जलाने की आड़ तले इतनी तूड़ी जलकर राख हो गई जिससे सैंकड़ों नहीं लाखों बेसहारा पशुओं का पेट भरा जा सकता था।

क्या कहते हैं चेयरमैन कीमती भगत

पंजाब गौ सेवा कमीशन पंजाब सरकार के पूर्व चेयरमैन कीमती भगत जो कि भारत सरकार के स्टेट एनिमल वेलफेयर आफिसर हैं और अखिल भारतीय रेलवे बोर्ड के सदस्य रहे हैं उन्होंने 9 मिनट 3 सेकंड समय तक हुई सीधी बात में कहा है कि भले ही सरकारों को इस बारे में कदम उठाना चाहिए लेकिन किसानों के आगे किसी सरकार की पेश नहीं चलती। उद्योगों को निशाने पर लेने का मकसद कुछ हद तक फैक्ट्रियों में राख हो रही तूड़ी को बचाना है। जल्द ही सरकार व किसानों के साथ संयुक्त बैठक की जाएगी, ताकि भविष्य में गेहूं की सूखी तूड़ी, पर्यावरण और खेतों में चलते फिरते मित्र जंतुओं को बचाया जा सके।

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