नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ः
- लेखन प्रतियोगिता में दसवीं से बारहवीं के विद्यार्थियों ने बढ़चढ कर लिया भाग। सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों का मूल्यांकन
- सीबीएसई रीजनल स्तर पर विद्यार्थियों को किया जाएगा सम्मानित
- लेखन एक कला ही नहीं बल्कि एक अद्भुत प्रतिभा है – कर्मवीर राव
- लेखनी की सुंदरता एक विद्यार्थी को दुनियां के करोड़ों विद्यार्थियों से अलग करती है – कर्मवीर राव
भ्रष्टाचार मुक्त भारत-विकसित भारत पर निबंध लेखन प्रतियोगिता
केंद्रीय सतर्कता आयोग के सहयोग से सीबीएसई द्वारा निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें कक्षा दसवीं से बारहवीं के विद्यार्थियों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। इस बारे में जानकारी देते स्कूल के सीनियर हेड संदीप यादव ने बताया कि श्रीकृष्णा स्कूल महेंद्रगढ़ में केंद्रीय सतर्कता आयोग के सहयोग से सीबीएसई द्वारा श्रीकृष्णा स्कूल महेंद्रगढ़ में भ्रष्टाचार मुक्त भारत-विकसित भारत विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता की गई। उन्होंने बताया कि बोर्ड के आदेशानुसार भ्रष्टाचार मुक्त भारत-विकसित भारत पर निबंध लेखन प्रतियोगिता 10 अक्टूबर तक यह प्रतियोगिता आयोजित होनी थी एवं उनके अनुसार यह प्रतियोगिता श्रीकृष्णा स्कूल महेंद्रगढ़ में सम्पन्न हुई तथा निबंध की सीमा 500 से 600 शब्दों के बीच रही। उन्होंने बताया कि सतर्कता जागरूकता सप्ताह के दौरान विद्यालय स्तर पर तीन सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों को सम्मानित किया जाएगा तथा पहली सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टि विद्यालय सीबीएसई पोर्टल पर अपलोड की जाएगी।
मूल्यांकन सीबीएसई रीजनल स्तर पर
इसमें सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों का मूल्यांकन सीबीएसई रीजनल स्तर पर किया जाएगा। सभी रीजन से तीन प्रविष्टियों का चयन किया जाएगा। इनमें से पांच श्रेष्ठ प्रविष्टियों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किया जाएगा और विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लेखन निबंध प्रतियोगिता में विद्यालय स्तर पर कक्षा दसवीं की छात्रा गौरी व कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा दिव्या ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। वही दूसरा स्थान कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा कल्पना यादव ने व रिषिता ने प्राप्त किया व तृतीय स्थान कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा सिद्धी व निशा यादव ने हासिल किया।
इस असवर पर स्कूल के एमडी कर्मवीर राव ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि लेखनी की सुंदरता एक विद्यार्थी को दुनिया के करोड़ों विद्यार्थियों से अलग कर देती है। लेखन एक कला ही नहीं बल्कि वह अद्भुत प्रतिभा है जो बडे-बडे व्यक्तियों को भी अपनी ओर आकर्षित कर झुका देती है। उन्होंने कहा कि लेखनी स्किल एक ऐसी अभिव्यक्ति है जिसके माध्यम से जीवन जीने के लिए प्रेरित कर सकते है तथा समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंच सकते है। उन्होंने कहा कि लेखन से समाज में फैले भ्रष्टाचार एवं खामियों को मिटाकर समाज में क्रांति पैदा कर सकते है। लेखनी से जीवन जीने की आयाम में भी परिवर्तन ला सकते है तथा पूरे विश्व पटल पर अपनी सोच, विचार, भावना अवलोकन को रख सकते है। उन्होंने कहा कि हमारे समाज के आदर्श महापुरुष गांधी जी, प्रेमचंद, रामधारी सिंह दिनकर, रविंद्र नाथ टैगोर आदि अपनी लेखनी एवं विचारों के कारण याद किए जाते हैं।
इस मौके पर उपस्थित
इस मौके पर स्कूल प्राचार्य वीरेंद्र सिंह ने विद्यार्थियों को बधाई दी तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि भारत देश में भ्रष्टाचार की दर अधिक है जिसके कारण देश के विकास एवं प्रगति पर भ्रष्टाचार का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि लेखन कला विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का वास्तविक दर्पण होता है। जो विद्यार्थी की गुणवत्ता को प्रतिबिंब के रूप में शिक्षा जगत के सम्मुख प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि लेखन कला विद्यार्थी जगत का आधार है। लेखन की बनावट विद्यार्थी जीवन की पहचान है। एक सुन्दर अभिव्यक्ति सुन्दरता भरे लेख से ही प्रदर्शित होती है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को लेखन कला को अपनी ताकत बनानी चाहिए। लिखावट विद्यार्थी जीवन की अनमोल धरोहर है तथा प्रत्येक विद्यार्थी को अपने जीवन में लेखन के महत्व को समझना चाहिए। इस मौके पर स्कूल का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
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