Wrestlers Protest Update News: वार्ता के आमंत्रण पर खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के घर पहुंचे बजरंग और साक्षी, जानिए कब-कब क्या हुआ

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Vinesh Phogat and Bajrang Punia
Vinesh Phogat and Bajrang Punia

Aaj Samaj (आज समाज), Wrestlers Protest Update News, नई दिल्ली: केंद्र सरकार के न्योते पर पहलवान बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक थोड़ी देर पहले बात करने के लिए केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के आवास पर पहुंचे हैं। बता दें कि भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं और वे बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। पिछले करीब डेढ़ माह से पहलवान इस मुद्दे पर आंदोलनरत हैं।

  • साक्षी और बजरंग के साथ किसान नेता राकेश टिकैत भी, बातचीत जारी 

न्योता मिलने के बाद साक्षी मलिक ने दी थी प्रतिक्रिया

अनुराग ठाकुर ने कल रात ट्वीट कर कहा था कि पहलवानों से बातचीत के लिए सरकार तैयार है और उन्हें वार्ता का न्योता दिया है। बातचीत का आमंत्रण मिलने पर साक्षी मलिक ने कहा था कि सरकार की तरफ से मिले प्रस्ताव पर हम अपने वरिष्ठनों और समर्थकों से चर्चा करेंगे। जब सभी अपनी सहमति देंगे कि प्रस्ताव ठीक है, तभी हम सहमत होंगे। ऐसा नहीं होगा कि हम सरकार की किसी भी बात से सहमत होकर अपना आंदोलन समाप्त कर देंगे। बैठक के लिए अभी कोई समय तय नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट के नोटिस पर बृजभूषण के खिलाफ दर्ज हुई थी एफआईआर

बता दें कि साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और ने बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग की है। बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के बाद दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को उनके खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थी।कहा जा रहा है कि किसान नेता राकेश टिकैत भी साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया के साथ अनुराग ठाकुर से मिलने पहुंचे हैं। फिलहाल अनुराग ठाकुर के साथ उनकी बातचीत चल रही है।

सबसे पहले जनवरी में शुरू हुआ पहलवानों का प्रदर्शन

बता दें कि बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन की शुुरुआत पहलवानों ने सबसे पहले जनवरी में की थी। हालांकि उस समय खेल मंत्रालय के दखल के बाद चंद दिनों में यह धरना खत्म हो गया था। खेल मंत्रालय ने पहलवानों की मांग पर मैरिकॉम के नेतृत्व में 7 सदस्यों की जांच कमेटी बनाई।

23 अप्रैल : दोबारा जंतर-मंतर पर धरना शुरू

मांग पूरी न होने पर गत 23 अप्रैल को पहलवान दोबारा जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए। इसके साथ ही 7 महिला पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली पुलिस से यौन उत्पीड़न की शिकायत की। पुलिस ने शिकायत पर बृजभूषण के खिलाफ दो केस दर्ज किए। 23 अप्रैल से 28 मई तक पहलवानों ने जंतर मंतर पर धरना दिया। 28 मई को पीएम मोदी जब नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले थे, उसी दिन पहलवानों ने अनुमति न होने के बावजूद जंतर-मंतर से नए संसद भवन का कूच करने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस के साथ हाथापाई और धक्का मुक्की हुई थी। इसके बाद पुलिस ने 28 मई को पहलवानों को धरना स्थल से हटा दिया था

मेडल गंगा में प्रवाहित करने का ऐलान

पुलिस की कार्रवाई के विरोध में पहलवानों ने हरिद्वार में गंगा में अपने जीते हुए मेडल बहाने का ऐलान किया था। पहलवान हरिद्वार मेडल बहाने भी पहुंचे थे। लेकिन तब किसान नेता नरेश टिकैत ने पहलवानों को मेडल बहाने से रोक दिया था। इसके साथ ही किसान यूनियन ने सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम दिया था। यह सोमवार को खत्म हो गया। अब राकेश टिकैत ने कहा है कि पहलवानों द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के आधार पर हम आगे कदम उठाएंगे।

टाइम लाइन

18 जनवरी:
बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक जंतर मंतर पर धरने पर बैठे। पहलवानों ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए। बृजभूषण सिंह ने आरोपों से इनकार किया।

19 जनवरी:
पहलवानों ने खेल मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की। यह बैठक 5 घंटे तक चली।

20 जनवरी:
पहलवानों की मांग पर मैरिकॉम के नेतृत्व में 7 सदस्यों की जांच कमेटी बनी। बृजभूषण को संघ के कामकाज से दूर किया गया।

21 जनवरी:
खिलाड़ियों ने धरना खत्म किया। 23 फरवरी: कमेटी ने जांच रिपोर्ट के लिए अतिरिक्त समय मांगा।

16 अप्रैल:
ओवरसाइट कमेटी की रिपोर्ट खेल मंत्रालय को सौंपे जाने के बाद हऋक ने घोषणा की कि चुनाव 7 मई को होंगे।

23 अप्रैल:
पहलवान फिर धरने पर बैठे।

25 अप्रैल:
पहलवान सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ ऋकफ का आदेश देने की मांग की। पहलवानों ने कोर्ट में बताया कि उन्होंने 21 अप्रैल को कनॉट प्लेस थाने में शिकायत दी थी। लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा।

28 अप्रैल:
दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ 2 केस दर्ज किए। पहला केस 6 महिला पहलवानों की शिकायत पर हुआ, जबकि दूसरा केस नाबालिग पहलवान की शिकायत पर दर्ज किया गया।

4 मई:
सुप्रीम कोर्ट ने पहलवानों की याचिका बंद की और अन्य किसी मामले में निचली अदालत जाने की सलाह दी। 7 मई: किसान नेता राकेश टिकैत पहलवानों के समर्थन में जंतर मंतर पहुंचे।

23 मई:
पहलवानों ने कैंडल मार्च निकाला इसमें खाप नेता भी शामिल हुए।

28 मई:
पहलवानों ने जंतर मंतर से नई संसद तक मार्च निकालने का ऐलान किया। पुलिस ने अनुमति नहीं दी। जमकर हंगामा हुआ और हाथापाई हुई। इसके बाद पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में ले लिया और जंतर मंतर को खाली करा दिया।

29 मई :
पुलिस ने कहा कि पहलवान चाहें तो और कहीं धरना दे सकते हैं, लेकिन जंतर मंतर पर धरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में बहाने का ऐलान किया।

30 मई:
पहलवान हरिद्वार में मेडल बहाने पहुंचे। किसान नेता नरेश टिकैत ने उन्हें ऐसा करने से रोका। 3 जून: पहलवानों ने शनिवार रात को अमित शाह से मुलाकात की।

5 जून:
विनेश, साक्षी और बजरंग नौकरी पर लौटे।

6 जून:
खेल मंत्रालय ने बातचीत के लिए प्रस्ताव भेजा

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