Wrestler Sexual Harassment : पहलवान यौन उत्पीड़न: कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचीका

0
319
बृजभूषण शरण सिंह
बृजभूषण शरण सिंह

Aaj Samaj, (आज समाज), Wrestler Sexual Harassment,दिल्ली:

1. पहलवान यौन उत्पीड़न: कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचीका,

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें आने वाले समय में बढ़ सकती है। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर धरने पर बैठीं महिला पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया है। विनेश फोगाट समेत 7 महिला पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में शिकायत देने के बावजूद एफआईआर नहीं दर्ज हुई है।  सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष  महिला पहलवानों के वकील ने जल्द सुनवाई की मांग की। जिस पर सीजेआई ने कहा कि मंगलवार को मामले को फिर से मेंशन करें।

दरसअल कुश्ती संघ और पहलवानों के बीच एक बार फिर ठन गई है। ढाई महीने पहले पहलवानों (बजरंग पूनिया, विनेश फौगाट और साक्षी मलिक) ने कुश्ती संग के अध्यक्ष ब्रजभूषण पर संगीन आरोप लगाए थे। रविवार को एक बार फिर पहलवानों ने अपने उन्हीं आरोपों को दोहराया है, साथ ही जंतर-मंतर से धरने का ऐलान भी किया है। शाम चार बजे हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में विनेश फोगाट, साक्षी और बजरंग पूनिया के साथ बैठ पहलवानों ने कुश्ती फेडरेशन के खिलाफ हुंकार भरी और ऐलान किया कि जब तक न्याय नहीं मिल जाता, वह यहां जंतर-मंतर पर रहेंगे।

वही यौन उत्पीड़न मामले में एफआईआर नहीं करने पर दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर दिया है। आयोग ने कहा कि उसे दो दिन पहले भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह द्वारा महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न की शिकायत मिली है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मामले में डीसीपी, नई दिल्ली डिस्ट्रिक्ट-दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर 25 अप्रैल तक कार्रवाई की रिपोर्ट और गिरफ्तारियों का ब्योरा मांगा है। आयोग ने एफआईआर दर्ज करने के बाद इसकी कॉपी मांगी है और दिल्ली पुलिस से एफआईआर दर्ज करने में देरी का कारण भी बताने को कहा है।

2. बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया के बाद अब विश्व हिंदू परिषद ने भी समलैंगिक विवाह के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया

समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं पर एक तरह जहाँ सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ सुनवाई कर रही है तो दूसरी तरह इस विवाह के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जा रहा हैं। बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया के बाद अब विश्व हिंदू परिषद ने भी समलैंगिक विवाह के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर दिया है। अयोध्या में आयोजित अपनी दो दिवसीय राष्ट्रीय बैठक में, विश्व हिंदू परिषद ने समलैंगिक विवाह के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया है। दावा किया गया है कि निचली अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जुड़े विभिन्न राज्यों के 500 से अधिक अधिवक्ताओं और सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने इसमें भाग लिया।

विश्व हिंदू परिषद ने की तरफ से कहा गया कि जिस ‘जल्दबाजी’ से सुप्रीम कोर्ट समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने की याचिकाओं का निस्तारण कर रहा है, वह उचित नहीं है और उसे विभिन्न क्षेत्रों के धार्मिक नेताओं और विशेषज्ञों की राय लेनी चाहिए थी। वही वीएचपी के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अदालत की कार्रवाई से ‘नए विवाद’ पैदा हो सकते हैं। सर्वोच्च न्यायालय जिस जल्दबाजी से समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की याचिकाओं का निस्तारण कर रहा है, वह किसी भी तरह से उचित नहीं है। इससे नए विवाद पैदा होंगे और भारत की संस्कृति के लिए भी खतरनाक साबित होंगे।

3.मोदी सरनेम मामला:कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पटना हाईकोर्ट से राहत, निचली अदालत में चल रहे मुकदमे पर 15 मई तक रोक

मोदी सरनेम मामले कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। पटना हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी है जिसका मतलब यह है कि उन्हें पेशी के लिए बिहार नहीं आना पड़ेगा।

न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने सोमवार को राहुल गाँधी देते हुए  मामले की अगली सुनवाई 15 मई को सूचीबद्ध की है। राहुल गांधी को मोदी सरनेम को लेकर दिये बयान पर एमपी-एमएलए कोर्ट ने 25 अप्रैल को कोर्ट में हाज़िर होने का निर्देश दिया था हालांकि हाईकोर्ट द्वारा लगाये गई रोक के बाद अब उन्हें मंगलवार यानी 25 अप्रैल को हाज़िर नहीं होना पड़ेगा।

इससे पहले राहुल गांधी ने ‘मोदी सरनेम’ विवाद मामले में पटना हाई कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। राहुल गाँधी ने अपने हलफ़नामे में कहा है कि पटना की अदालत में राज्यसभा सांसद सुशील मोदी की ओर उनके खिलाफ किया गया मानहानि का मुकदमा ‘डबल जियोपार्डी डॉक्टरिन’ (दोहरे दंड के सिद्धांत) से प्रभावित है।

इस हलफनामे में राहुल गाँधी ने कहा है कि उसी टिप्पणी के लिए सूरत की अदालत की ओर से उन्हें पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है जो पटना कोर्ट में सुशील मोदी की ओर से दायर मानहानि शिकायत के केंद्र में है। हलफनामे में यह भी कहा गया है कि  अप्रैल 2019 में कोलार में एक चुनावी अभियान के दौरान जब ‘सभी चोर मोदी सरनेम साझा क्यों करते हैं’ कथित बयान दिया गया, जिसके बाद उनपर मुकदमा चला और सूरत कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया और दो साल की सजा सुनाई, इसलिए पटना कोर्ट के समक्ष लंबित मामला दोहरे दंड के सिद्धांत से प्रभावित होगा जैसा कि सीआपीसी की धारा 300 और भारत के संविधान के अनुच्छेद 20 (2) के तहत प्रावधान है।

हलफ़नामे में संविधान के अनुच्छेद 20 (2) का जिक्र करते हुए कहा गया कि किसी भी व्यक्ति पर एक ही अपराध के लिए एक से ज्यादा बार मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है और दंडित नहीं किया जा सकता है। इतना ही नही सीआरपीसी की धारा 300 (1) न सिर्फ एक ही अपराध के लिए, बल्कि एक ही तथ्य पर किसी अन्य अपराध के लिए किसी व्यक्ति के मुकदमे पर रोक लगाती है। राहुल गाँधी ने हलफनामे आगे कहा कि दोनों मामलों में फर्क सिर्फ इतना है कि शिकायतकर्ता अलग-अलग हैं। 24 अप्रैल यानी यानी सोमवार को अदालत राहुल गाँधी की याचीका पर सुनवाई करेगा जिसमें उन्होंने पटना के एमएलए-एमपी कोर्ट के उस आदेश को रद करने की मांग की है, जिसमें कोर्ट ने उन्हें को 25 अप्रैल को मोदी सरनेम मामले में सदेह उपस्थित होने के लिए कहा है।

दरसअल भाजपा नेता सुशील मोदी ने 2019 में राहुल गांधी पर मानहानि का केस दर्ज करवाया था। सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने मोदी को चोर कहकर पूरे मोदी समुदाय का अपमान किया है।

ऐसे ही मामले में इन 23 मार्च 2023 को गुजरात की सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद राहुल गाँधी की संसद की सदस्यता समाप्त हो गई थी।

4.धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोपी मुनव्वर फारूकी को सुप्रीम कोर्ट से राहत, इंदौर में चलेंगे सभी मुकदमे*

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक शो के दौरान कथित रूप से धार्मिक भावनाओं का अपमान करने के लिए स्टैंड-अप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को इंदौर स्थानांतरित कर दिया और उसे जमानत भी दे दी।

जस्टिस बीआर गवई और संजय करोल की पीठ ने कॉमेडियन के खिलाफ सभी शिकायतों को एक साथ मिला दिया और उन्हें इंदौर स्थानांतरित कर दिया।

पीठ ने आदेश दिया, “तथ्यों और परिस्थितियों और इस अदालत के पिछले आदेश को ध्यान में रखते हुए, हम सभी शिकायतों को इंदौर स्थानांतरित करने के इच्छुक हैं। हमने पहले ही अंतरिम संरक्षण प्रदान कर दिया है और इसे पूर्ण कर दिया गया है।”

आदेश में कहा गया है कि अगर इसके लिए कोई याचिका एक उपयुक्त अदालत के समक्ष दायर की जाती है, तो इसे उसके गुण-दोष के आधार पर माना जाएगा। याचिकाकर्ता को दिल्ली पुलिस द्वारा तीन सप्ताह के लिए वारंट पेश करने के खिलाफ अंतरिम संरक्षण प्रदान किया जाता है। हमने पहले ही अंतरिम सुरक्षा प्रदान कर दी है। उसी को निरपेक्ष बनाया गया है।”

यह भी पढ़ें : Sikh Sangat of Haryana: हरियाणा की सिख संगत के लिए अमृतसर में किया जाएगा आधुनिक सुविधाओं से लैस सरां का निर्माण – बाबा करमजीत सिंह

Connect With  Us: TwitterFacebook