देवी कूष्मांडा के स्वरूप, भोग, पूजा विधि, शुभ रंग, मंत्र व आरती Worship of Maa Kushmanda

0
1126
Worship of Maa Kushmanda
Worship of Maa Kushmanda

Worship of Maa Kushmanda

आज समाज डिजिटल, अंबाला:
Worship of Maa Kushmanda : इस बार चैत्र नवरात्रि 2 मार्च 2022 से शुरू हो गए है। हिंदूधर्म के अनुसार नवरात्रि के दिनों को बहुत शुभ माना जाता है। नवरात्रों के आने का लोग बहुत बेसब्री से इंतजार करते है। नवरात्रों के नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। पहले दिन लोग मां की प्रतिमा को बड़े धूमधाम से अपने घर में लाते है। शुभ मुहुर्त को देखकर घर पर मां की स्थापना करते है। नवरात्रों में माँ के आने के लिए काफी समय पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाता है।
आज 5 अप्रैल, मंगलवार को नवरात्रि का चौथा दिन है। इस दिन मां दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप देवी कूष्मांडा की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अपनी मंद मुस्कुराहट व अपने उदर से ब्रह्मांड को जन्म देने के कारण इन्हें कूष्मांडा देवी के नाम से जाना जाता है। मां कूष्मांडा तेज की देवी का प्रतीक हैं। मान्यता है कि ब्रह्मांड के सभी प्राणियों में जो तेज हैं, वह मां कूष्मांडा की देन है। जानें मां स्वरूप, भोग, पूजा विधि, शुभ रंग, मंत्र व आरती …..

देवी कूष्मांडा का स्वरूप

Worship of Maa Kushmanda
Worship of Maa Kushmanda

मां कूष्मांडा को अष्टभुजा देवी के नाम से भी जाना जाता है। क्युकि मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं। इनके 7 हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है। मां के आठवें हाथ में जपमाला है। मां कुष्मांडा सिंह की सवारी करती हैं।

मां की पूजा विधि

Worship of Maa Kushmanda
Worship of Maa Kushmanda

नवरात्र के चौथे दिन माता कूष्माण्डा की पूर्ण श्रृद्धा और विश्वास के साथ विधिवत पूजा अर्चना करनी चाहिए। इस दिन देवी कूष्माण्डा की पूजा का विधान उसी प्रकार है जिस प्रकार देवी शक्ति का अन्य रुपों को पूजन किया गया है।

इस दिन भी सर्वप्रथम कलश और उसमें उपस्थित देवी देवता की पूजा करनी चाहिए। जिसके बाद माता के साथ अन्य देवी देवताओं की पूजा करनी चाहिए, इनकी पूजा के पश्चात देवी कूष्माण्डा की पूजा करनी चाहिए।

पूजा की विधि शुरू करने के पूर्व हाथों में फूल लेकर देवी को प्रणाम करें और पवित्र मन से देवी का ध्यान करते हुए “सुरासम्पूर्णकलशं रूधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे.”नामक मंत्र का जाप करें।

नवरात्रि के चौथे दिन का शुभ मुहूर्त

Worship of Maa Kushmanda
Worship of Maa Kushmanda

ब्रह्म मुहूर्त- सुबह- 4:35 से शाम- 5:21 तक
अभिजित मुहूर्त-सुबह -11:59 से शाम- 12:49
विजय मुहूर्त- सुबह-2:30 से शाम- 3:20 तक
गोधूलि मुहूर्त-सुबह-6:29 से शाम 6:53
अमृत काल- सुबह- 2:14 से शाम 3:59
सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 6:07 से शाम 4:52
रवि योग- सुबह-6:07 से शाम 4:52

नवरात्रि के चौथे दिन का शुभ रंग

नवरात्रि के चौथे दिन हरा रंग पहनना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि मां कूष्मांडा को हरा रंग अतिप्रिय है।

मां कुष्मांडा को लगाएं हलवे का भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है। माना जाता है कि मां कूष्‍मांडा को दही और हलवा अति प्रिय है जो भक्त मां की इन चीजों के साथ आराधना करते हैं। उनपर मां सदा अपनी कृपा बनाए रखती हैं। मां कूष्‍मांडा को आप हलवे का भोग लगा सकते हैं। हलवे की कई वैराइटी हैं। अगर आप नौ दिन का व्रत कर रहे हैं, तो आप सिंघाड़े के आटे का हलवा, आलू का हलवा, बादाम का हलवा आदि चीजों का भोग लगा कर इसे आप भी प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं।

कुष्मांडा देवी का मंत्र

Worship of Maa Kushmanda
Worship of Maa Kushmanda

या देवी सर्वभूतेषु
मां कूष्मांडा रूपेण प्रतिष्ठितता।
नमस्‍तस्‍यै नमस्‍तस्‍यै:
नमस्तस्यै नमो नम:..

कुष्मांडा देवी का दूसरा मंत्र

कुत्सित: कूष्मा
कूष्मा-त्रिविधतापयुत:
संसार:, स अण्डे मांसपेश्यामुदररूपायां
यस्या: सा कूष्मांडा

कूष्मांडा देवी कवच

हंसरै में शिर पातु
कूष्माण्डे भवनाशिनीम्।
हसलकरीं नेत्रेच,
हसरौश्च ललाटकम्॥
कौमारी पातु सर्वगात्रे,
वाराही उत्तरे तथा,
पूर्वे पातु वैष्णवी
इन्द्राणी दक्षिणे मम।
दिगिव्दिक्षु सर्वत्रेव
कूं बीजं सर्वदावतु॥

कूष्मांडा देवी आरती

कूष्मांडा जय जग सुखदानी।
मुझ पर दया करो महारानी॥

पिगंला ज्वालामुखी निराली।
शाकंबरी मां भोली भाली॥

लाखों नाम निराले तेरे ।
भक्त कई मतवाले तेरे॥

भीमा पर्वत पर है डेरा।
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥

सबकी सुनती हो जगदंबे।
सुख पहुंचती हो मां अंबे॥

तेरे दर्शन का मैं प्यासा।
पूर्ण कर दो मेरी आशा॥

मां के मन में ममता भारी।
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥

तेरे दर पर किया है डेरा।
दूर करो माँ संकट मेरा॥

मेरे कारज पूरे कर दो।
मेरे तुम भंडारे भर दो॥

तेरा दास तुझे ही ध्याए।
भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥

Worship of Maa Kushmanda

Read Also : हिंदू नववर्ष के राजा होंगे शनि देव Beginning of Hindu New Year

Read Also : पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ Falgu Tirtha For Peace Of Souls Of Ancestors

Read Also : नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशती का पाठ से करें मां दुर्गा को प्रसन्न Durga Saptashati

Connect With Us: Twitter Facebook