नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व नेता और राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले ज्योर्तिरादित्य सिंधिया ने मार्च दस को कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। अब अपने पुराने दोस्त के पार्टी छोड़कर जाने पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ज्योर्तिरादित्य पर निशाना साधा और कहा कि मैं सिंधिया को कॉलेज के दिनों से जानता हूं। वह अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित हो गए और विचारधारा से समझौता कर आरएसएस के साथ चले गए। राहुल गांधी ने कहा कि सच्चाई यह है कि उन्होंने भाजपा में न तो सम्मान मिलेगा और न ही संतुष्टि। मैं जानता हूं कि उनके दिल में क्या है। वह मुंह से कुछ और बोल रहे हैं और उनके मन में कुछ और है। राज्यसभा के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि मैं कांग्रेस का अध्यक्ष नहीं हूं। उम्मीदवारों का चयन मैं नहीं करता। मैं देश के युवाओं को अर्थव्यवस्था के हालात के बारे में बता रहा हूं। बता दें कि राहुल गांधी ने इस बात का भी खंडन किया था कि इस्तीफा देने से पहले ज्योर्तिरादित्य सिंधिया सोनिया गांधी और राहुल गांध्ीा से मिलना चाहते थे और उन्हें टाइम नहीं दिया गया। राहुल गाधी ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में इकलौते ऐसे शख्स थे, जो कभी भी मेरे घर आ सकते थे। बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अठारह सालों से कांग्रेस के सदस्य थे। उन्होंने कांग्रेस छोड़कर अब भजपा ज्वाइन की है। उन्होंने 10 मार्च को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया और 11 मार्च को जेपी नड्डा की मौजूदगी में बीजेपी ज्वाइन की। सिंधिया के साथ-साथ कांग्रेस के 19 विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई।