आज समाज डिजिटल, अंकारा, (Turkiye Syria Quake Updates): तुर्किये और सीरिया में इस सप्ताह सोमवार सुबह आए 7.8 तीव्रता के भूकंप से अब तक 25 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। भूकंप के कारण धराशायी हुई सैकड़ों इमारतों के नीचे अब भी जिंदा फंसे हैं कई लोग जिंदगी बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं तो कई मौत से जंग हार चुके हैं।
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घायलों की संख्या 70 हजार के पार
दोनों ही देशों में मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। घायलों की संख्या 70 हजार के पार हो गई है। अकेले तुर्किये में ही 20,665 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। वहीं सीरिया में 3,500 लोग इस आपदा के कारण मारे गए हैं। भारत आपरेशन दोस्त के तहत भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित तुर्किये और सीरिया की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
भारतीय सेना ने एक साल की बच्ची को जिंदा निकाला
शुक्रवार को भारतीय सेना की टीम ने नुरदागी शहर से एक साल की बच्ची को मलबे से पांच दिन बाद जिंदा बाहर निकाल लिया। साथ ही तुर्किये के हताय प्रांत में बनाए गए भारतीय सेना के फील्ड अस्पताल में लगातार लोगों का ईलाज किया जा रहा है। अभी तक यहां 106 लोगों को भर्ती किया गया है ये संख्या रोज बढ़ रही है। बचाव कार्य के लिए तुर्किये गई भारतीयों की टीम में डॉग स्क्वायड भी है। इनमें जूली-रोमियो-हनी और रैंबो नाम के डॉग्स शामिल हैं। जो लैब्राडोर नस्ल के हैं और विशेष रूप से प्रशिक्षित हैं। ये आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों के दौरान सूंघने और अन्य महत्वपूर्ण कौशल में विशेषज्ञ हैं।
बचाव अभियान में नासा कर रहा मदद
अमेरिकी अंतरिक्षि एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने भी राहत एवं बचाव के काम में मदद करना शुरू की है। नासा के अनुसार, एजेंसी के वैज्ञानिक लगातार तुर्किये व सीरिया के भूकंप प्रभावित इलाकों की सैटेलाइट इमेज और डेटा संबंधित सरकारों के साथ शेयर कर रहे हैं। इससे राहत-बचाव कार्य में मदद मिल रही है। नासा ने अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी दी है।
पहले व बाद की कुछ तस्वीरों के साथ प्रॉक्सी नक्शा बनाया
नासा ने भूकंप के पहले व बाद की कुछ तस्वीरों के साथ एक प्रॉक्सी नक्शा भी बनाया है। इससे पता चल रहा है कि यह भूकंप कितना विनाशकारी था और इससे दोनों देशों को कितना नुकसान हुआ है। नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने कहा कि विशेषज्ञों की टीम पृथ्वी पर नजर रखने वाले बेड़े से बचाव कर्मियों को बहुमूल्य जानकारी मुहैया कराने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।
सिंथेटिक एपर्चर रडार का उपयोग भी कर रहा नासा
नासा अपने सिंथेटिक एपर्चर रडार (एसएआर) का उपयोग कर रहा है जो दिन और रात सभी मौसमों में पृथ्वी को देख सकता है। इसका उपयोग यह मापने के लिए किया जाता है कि भूकंप के बाद जमीन कैसे हिलती है और निर्मित परिदृश्य बदलता है। सिंगापुर की अर्थ आॅब्जर्वेटरी और नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के वैज्ञानिकों की एक टीम ने भूकंप से पहले और बाद की तस्वीरों को एकत्र करके तुर्किये में हुए नुकसान का प्रॉक्सी नक्शा भी बनाया है।
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