आज समाज डिजिटल, अंकारा:
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने अमेरिका, जर्मनी समेत दुनिया के 10 देशों के राजदूतों को देश से निकलने का आदेश गत दिवस जारी कर दिए। तुर्की के इस बड़े फैसले के पीछे की वजह दरअसल इन देशों की ओर से जेल में बंद सिविल सोसायटी लीडर ओसमान कवला की रिहाई की मांग को बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि इन देशों की इस मांग के बाद इसकी प्रतिक्रिया के तौर पर ही तुर्की ने यह कदम उठाया है। इससे इस्लामिक देश और पश्चिमी देशों के बीच तनाव देखने को मिल सकता है।
Turkey’s Big Decision राष्ट्रपति ने शनिवार को दिए आदेश
शनिवार को ही राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने अपने विदेश मंत्री को आदेश दिया दिया कि वह इन लोगों को वापस निकालने का आदेश जारी करें। इन राजदूतों को देश में ‘परसोना नॉन ग्रेटा यानी अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया गया है।
Turkey’s Big Decision रिश्तों में आ सकती है दरार
अंतरराष्टÑीय सुरक्षा से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि तुर्की के इस तरह के फैसले से इन देशों और तुर्की के बीच रिश्तों में बड़ा मतभेद आ सकता है जोकि विश्व शांति के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। आमतौर पर कोई भी देश राजदूतों को इस तरह से देश निकाला नहीं देता है, लेकिन एर्दोगन के फैसले से पता चलता है कि यह मामला किस हद तक तूल पकड़ सकता है।
Also Read : Former President of Indonesia की बेटी अपनाएगी हिंदू धर्म