Myanmar: म्यांमार में सेना के हवाई हमलों में 50 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 15 महिलाएं व कई बच्चे भी शामिल हैं। अलजजीरा के मुताबिक हमलों में मारे गए लोगों का आंकड़ा बढ़ सकता है। सेना ने विद्रोहियों का गढ़ माने जाने वाले पाजीगी इलाके में एयर स्ट्राइक की है। पाजीगी इलाका सागैंग प्रांत में पड़ता है। हमले के समय लोग एक कार्यालय के उद्घाटन के लिए जुटे थे। दो साल पहले हुए तख्तापलट के बाद इसे सेना का सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है।
- विद्रोहियों का गढ़ माने जाने इलाके पर किया हमला
- 2021 में सेना ने आंग सान सू की सरकार को गिराया
वीडियो में चारों से तरफ लाशें दिखाई दे रही
एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि गांव में सुबह सात बजे सेना के जेट से एक बम गिराया गया, जिसके बाद कई हेलिकॉप्टर से फायरिंग शुरू हो गई जो लगातार 20 मिनट तक जारी रही। व्यक्ति ने कहा कि आसपास रहने वाले लोगों ने इनके कई वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं, जिसमें चारों से तरफ लाशें दिखाई दे रही हैं। मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक उन्होंने शवों को गिनना की कोशिश की लेकिन शरीर के हिस्से अलग-अलग जगह पर फैले होने के कारण वे नहीं गिन पाए।
6 महीनों में इस तरह की 135 घटनाएं हुईं
एक रिपोर्ट के मुताबिक जब सेना विरोधियों का सामना करने में जमीन पर कमजोर पड़ने लगी तो उसने आसमान से हवाई हमले कर लोगों पर आफत बरसाना शुरू कर दिया है। द गार्जियन के मुताबिक म्यामांर में हवाई हमले रोज की कहानी बनते जा रहे हैं। सेना अपने विरोधियों को ढूंढ़ने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। वे आम लोगों को निशाना बना रही है। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार पिछले 6 महीनों में वहां इस तरह की 135 घटनाएं हो चुकी हैं। एक फरवरी को म्यांमार में तख्तापलट के दो साल पूरे हो चुके हैं। 2021 में सेना ने वहां चुनी हुई आंग सान सू की सरकार को गिरा दिया था और उन्हें पकड़कर जेल में डाल दिया था। तब से लोग अलग-अलग तरीकों से सेना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
दो साल में 31022 लोगों की जान गई
म्यांमार की न्यूज वेबसाइट ईरावडी के मुताबिक दो साल में वहां 31022 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 460 लोग एक साल में की गई एयर रेड में मारे जा चुके हैं। हवाई हमलों में मरने वाले ज्यादातर छोटे बच्चे हैं। एयर रेड से परेशान होकर वहां 11 लाख लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। म्यांमार में 40 साल बाद पिछले साल जुलाई में मौत की सजा दी गई थी। अनुमान के मुताबिक म्यांमार की सेना ने एक साल में लगभग 100 लोगों को मौत की सजा दी है।
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