आज समाज डिजिटल, H1-B Visa : भारतीय नागरिक हर साल यूएस में नौकरी करने के लिए जाते हैं जिनके लिए अमेरिका H1-B Visa जारी करता है। लेकिन अब आपको H1-B Visa के लिए पहले से ज्यादा अपनी जेब ढीली करनी होगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन H1-B Visa के लिए फीस बढ़ाने का प्रस्ताव लेकर आया है। इस प्रस्ताव से सबसे ज्यादा भारतीय पेशेवरों पर प्रभाव पड़ने का अंदेशा है, क्योंकि अब उनको विदेश जाने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे। इसके लिए यूएस सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) ने प्रस्ताव दिया है कि कि एच-1बी वीजा के लिए आवेदन फीस 460 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 780 अमेरिकी डॉलर की जाए।
इतना ही नहीं, बाइडेन प्रशासन L-1 कैटेगरी के वीजा के लिए फीस 460 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 1,385 अमेरिकी डॉलर करने की तैयारी में है को वहीं ओ-1 वीजा के लिए आवेदन शुल्क 460 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 1,055 अमेरिकी डॉलर करने का प्रस्ताव दिया गया है।
अब देने होंगे 1,080 अमरीकी डॉलर (H1-B Visa)
अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) ने कहा कि यूएससीआईएस मुख्य रूप से वीजा के लिए आवेदन करने वाले लोगों के रेवेन्यू पर ही काम करता है। इसलिए दाम बढ़ाने की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा कि अगर कोई इस प्रस्ताव पर सवाल नहीं खड़े करता है तो नियम के मुताबिक एच-2बी वीजा के लिए फीस 460 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 1,080 अमरीकी डॉलर कर दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि नई फीस वृद्धी से इमिग्रेशन एजेंसी अपनी परिचालन लागत पूरी तरह से वसूल पाएगी। डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने बताया है कि फीस बढ़ाने का यह प्रस्ताव 60 दिनों के लिए सार्वजनिक पटल पर रखा जाएगा।
राजस्व में हुई 40 प्रतिशत की कटौती
इस बढ़ोतरी को लेकर फेडरल रजिस्टर भारतीय राजपत्र के अमेरीकी संस्करण में मंगलवार को डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी द्वारा प्रकाशित किया गया था, जो अमरीकी नागरिकता और आव्रजन सेवाओं की मूल एजेंसी है, जिसे आव्रजन और प्राकृतिककरण अनुरोधों को संसाधित करने का काम सौंपा गया है।
एजेंसी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में एजेंसी के राजस्व में 40 प्रतिशत की कमी आई है। कम या बिना शुल्क वाले मानवीय कार्यक्रमों की बढ़ती मांग ने इन राजकोषीय चुनौतियों को जोड़ा है।
क्या होता है H1-B Visa
H1-B Visa एक गैर-अप्रवासी वीजा है, इस वीजा के जरिए अमरीकी कंपनियां विदेशी कर्मचारियों को यूएस बुला सकती हैं। इस वीजा के जरिए अमरीकी टेक कंपनियां ज्यादातर भारतीय और चाइनीज टेक प्रोफेशनल्स को हायर करती हैं और इसी वीजा के जरिए उनको अपने देश बुलाती हैं।
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