Google Doodle Today Special : गूगल ने भारत के ओलंपिक पदक विजेता खाशाबा दादासाहेब जाधव का डूडल बनाकर दी खास अंदाज में श्रद्धांजलि

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Google Doodle Today Special

आज समाज डिजिटल, Google Doodle Today Special : आज भारतीय दिग्गज पहलवान खाशाबा दादासाहेब जाधव (केडी जाधव) की 97वीं जयंती है। इस मौके पर सर्च इंजन गूगल (Google) ने डूडल के जरिए उनके योगदान को याद किया है और एक खास डूडल बनाकर पूर्व भारतीय स्पोर्ट्समेट K. D. Jadhav (खशाबा दादासाहेब जाधव) को श्रद्धांजलि दी। 

आज (15 जनवरी 2023) सुबह जैसे ही आप कुछ सर्च करने के लिए Google ओपन करेंगे, तो आपको गूगल का खास Doodle देखने को मिलेगा। जैसे कि हमने बताया आज का डूडल पूर्व भारतीय स्पोर्ट्समेट K. D. Jadhav (खशाबा दादासाहेब जाधव) को समर्पित है। 

इस डूडल में उनकी दो छवि देखी जा सकती है। एक में वह मैदान में कुश्ती करते देखे जा सकते हैं, तो दूसरी छवि में वह इंडियन जर्सी पहने हुए दिख रहे हैं। जैसे ही आप इस डूडल पर क्लिक करें, तो आपको के.डी जाधव से जुड़ी सभी जानकारी के लिंक्स अगली विंडो पर पढ़ने को मिल जाएंगे। 

ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता है जाधव

खशाबा दादासाहेब जाधव (Khashaba dadasaheb jadhav) का जन्म 15 जनवरी 1926 को महाराष्ट्र के गोलेश्वर गांव में हुआ था। केडी जाधव बेहद साधारण कद के थे लेकिन जब वे अखाड़े में उतरते थे तो दुनिया के बड़े-बड़े पहलवान उनसे डर जाते थे। खशाबा दादासाहेब जाधव भारत के स्वतंत्रता के बाद ओलंपिक में इंडिविजुअल मेडल जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट थे। उन्होंने साल 1952 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक हेलसिंकी में पदक जीता था। जाधव ने जर्मनी, मैक्सिको और कनाडा के खिलाड़ियों को हराकर कांस्य पदक अर्जित किया था। (1952 summer olympics)

10 साल की उम्र से सीखी कुश्ती (Google Doodle Today Special)

उनके पिता खुद एक पहलवान थे। केडी जाधव की यूं तो बचपन से पहलवानी में कोई खास दिलचस्पी नहीं थी, उन्हें स्विमिंग काफी पसंद थी। लेकिन पहलवान के बेटे होने के नाते उन्होंने 10 साल की उम्र से कुश्ती भी सीखनी शुरू कर दी थी।  

भारत के नाम कांस्य पदक जीतने के बाद उनका अगला कदम गोल्ड मेडल था, जिसके लिए उन्होंने काफी मेहनत की थी। लेकिन ओलंपिक मैच से पहले एक दुर्घटना के दौरान वह चोटिल हो गए और उनका घुटना टूट गया। इस घटना ने उनकी ओलंपिक की दौड़ पर विराम लगा दिया और उनका स्पोर्ट्स करियर पूरी तरह से खत्म हो गया।

पहलवानी में जी-जान लगाने के बाद उन्होंने भले ही भारत के नाम पहला इंडिविजुअल मेडल किया हो, लेकिन उन्हें कभी पद्म पुरस्कार से सम्मानित नहीं किया गया। (Indian wrestler Khashaba Dadasaheb Jadhav)

मृत्यु के बाद मिला छत्रपति पुरस्कार

स्पोर्ट्स करियर खत्म होने के बाद उन्हें पुलिस में सब इंस्पेक्टर की नौकरी मिली और फिर उन्होंने असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर पद पर भी संभाला। इसके बाद साल 1984 में एक सड़क दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई। 1984 में उनकी मृत्यु के बाद महाराष्ट्र सरकार ने मरणोपरांत छत्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया। 2010 में दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के लिए कुश्ती स्थल का नाम भी उनके सम्मान में रखा गया।

Google Doodle 1998 से बना रहा 

बता दें कि साल 1998 में गूगल ने पहली बार डूडल बनाया था। गूगल के पहले डूडल को कंपनी के को-फाउंडर लैरी पेज और सर्जी ब्रिन ने डिजाइन किया था। इसके बाद से गूगल हर खास मौके को सेलिब्रेट करने के लिए यह डूडल बनाता है। Google Doodle एक स्पेशल फीचर है, जिसमें गूगल के मेन लोगो को कुछ समय के लिए ऑल्टर किया जाता है यानी डूडल से रिप्लेस कर दिया जाता है।

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