- विश्व पशुचिकित्सा दिवस पर पशुपालकों को दिलाई गयी रोजाना खनिज मिश्रण खिलाने की शपथ
- गांव भूषण कलां में निःशुल्क पशु स्वास्थ्य जांच शिवर का आयोजन
Aaj Samaj (आज समाज),World Veterinary Day,नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़: लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति महोदय प्रो. (डॉ.) विनोद कुमार वर्मा के निर्देशानुसार हरियाणा पशु विज्ञान केंद्र, महेंद्रगढ़ द्वारा ग्राम भूषण कलां में विश्व पशुचिकित्सा दिवस के उपलक्ष पर नि:शुल्क पशु बांझपन व चिकित्सा जांच शिविर एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
यह कार्यक्रम क्षेत्रीय निदेशक डॉ. संदीप गुप्ता, हरियाणा पशु विज्ञान केंद्र, महेंद्रगढ़ की अध्यक्षता में वैज्ञानिक डॉ. ज्योति शुन्थवाल व डॉ. देवेन्द्र सिंह द्वारा किया जा । कैंप में कुल 76 पशुपालकों ने हिस्सा लिया व अपने पशुओं का इलाज कराया । कैंप में आये सभी पशुओं का निःशुल्क इलाज किया गया ।
पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए पशुपालक गोष्ठी का आयोजन भी किया गया । साथ ही इस कैंप में लुवास विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा विभिन्न पशु रोग जांच जैसे पेशाब, खून व थनैला के लिए दूध की जांच आदि नि:शुल्क की गयी । इस कैंप में पशुओं का बाह्य परजीवियों के लिए इलाज किया गया । कैंप में आये पशुपालकों की मुख्य समस्याएं थनैला रोग, बार बार फिरने की समस्यां, पशु के शरीर दिखाने की समस्या आदि थी । साथ ही पशुपालकों ने दस्त ग्रसित पशुओं का भी इलाज कराया ।
पशुपालकों को बढ़ती हुई गर्मी में पशुओं के बचाव, नयी तूड़ी को इस्तेमाल करने से पहले अपनाई जाने वाली सावधानियां आदि के बारे में भी जानकारी दी गयी। वैज्ञानिकों ने बताया की गर्मी में पशु को पानी की कमी ना होने दे, पशु को साफ सुथरा ताजा पीने योग्य पानी 24 घटे उपलब्ध कराए, इसके साथ ही पशु आहार में नमक की कमी भी पशु में नहीं होने दे। नयी तूड़ी की समस्या से बचने के लिए डॉ. ज्योति शुन्थवाल ने बताया की नयी तूड़ी को एकाएक पशु आहार में सम्मलित ना करे, पुरानी तूड़ी को थोडा बचा कर रखें व शुरुवात में नयी तूड़ी को पुरानी तूड़ी के साथ मिला कर दे व 10 दिनों का समय लेकर धीरे-धीरे बदलाव करें। नयी तूड़ी को पहले जरुर छान ले।
पशुओ में बांझपन से बचाव के लिए खिलाये रोजाना खनिज मिश्रण
नयी तूड़ी को कुछ घंटे भिगो कर रखने से भी वो अधिक पचने योग्य बन जाती है। वरिष्ट पशु चिकित्सक डॉ. महेंद्र सिंह (रि०) ने पशु पालकों को वैज्ञानिक पशुपालन के लिए पशुपोषण, प्रजनन सम्बन्धी सभी जानकारियां दी। कैंप में डॉ. राहुल यादव व डॉ. अमित सांगवान, डॉ. प्रवीन अग्रवाल, और डॉ. मधुसूदन गुरे ने पशुपालकों के पशुओं का इलाज किया । इस कैंप का उद्देश्य दक्षिण हरियाणा के पशुपालकों को वैज्ञानिक ढंग से पशुपालन के लिए प्रोत्साहित करना रहा । साथ ही पशुपालकों को खनिज मिश्रण/मिनरल मिक्सचर व संतुलित आहार के बारे में भी जागरूक किया गया । साथ ही साथ कैंप में थनैला रोग के लिए नि:शुल्क दूध की जांच की गयी।
कैंप में पशुओं के इलाज के साथ नि:शुल्क पेट के कीड़ों की दवा भी उपलब्ध करायी गयी। अन्य किसी भी समस्या के लिए विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों द्वारा नि:शुल्क परामर्श किया गया । कैंप में डॉ. देवेन्द्र सिंह ने पशुपालकों को थनैला रोग से बचाव व स्वच्छ दूध उत्पादन के लिए जानकारी दी । डॉ. ज्योति ने बताया की कैंप में पशुपालकों को खनिज मिश्रण के इस्तेमाल के लिए भी जागरूक किया गया। जिसमें पशुपालकों और विश्वविद्यालय के अलग-अलग वैज्ञानिकों ने पशुपालन के तरीके व फायदों पर चर्चा की।
कैंप में वी.एल.डी.ए किशनलाल, सुरेन्द्र, इन्द्राज व सभी ग्रामवासियों ने सहयोग किया। इस नि:शुल्क कैंप का मकसद विश्वविद्यालय की आधुनिक जांच एवं इलाज की सुविधाओं को दक्षिण हरियाणा के पशुपालकों द्वारा निशुल्क में उपलब्ध कराने की है । गौरतलब है कि दूध की बढ़ती मांग को देखते हुए यह जरूरी है कि किसान वैज्ञानिक ढंग से पशुपालन करें और दूध और उत्तम नस्ल का पशु पालन वैज्ञानिक तरीके से करें ।
लुवास यूनिवर्सिटी के अनुसन्धान निदेशक डॉ. नरेश जिंदल द्वारा विश्वविद्यालय की सेवाओं को पशुपालकों तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए थे, जिनके तहत ऐसे कार्यक्रमों का समय-समय पर आयोजन किया जाता हैं । हरियाणा पशु विज्ञान केंद्र द्वारा इस तरह के कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित होते रहते हैं जिससे इस क्षेत्र के किसानों को सीधा फायदा मिलता है।
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