World University Rankings: जेएनयू देश की सर्वोच्च युनिवर्सिटी, विकास अध्ययन के लिए दुनिया में 20वां स्थान

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जेएनयू देश की सर्वोच्च युनिवर्सिटी,जेएनयू देश की सर्वोच्च युनिवर्सिटी, विकास अध्ययन की नई रेणी में दुनिया में 20वां स्थान।

Aaj Samaj (आज समाज), World University Rankings, नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) दुनिया में 20वें स्थान पर है। वहीं देश में जवाहर लाल नेहरू युनिवर्सिटी को सर्वोच्च विश्वविद्यालय का दर्जा मिला है। लंदन में मंगलवार को जारी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सब्जेक्ट रैंकिंग-2024 के मुताबिक एशिया में भारत दूसरे नंबर पर है और वह चीन (101 विश्वविद्यालय ) को टक्कर दे रहा है।

सूची में पहली बार 69 भारतीय विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालयों से 19.4 फीसदी अधिक एंट्री भेजी गई थी। कुल 1559 संस्थानों की सूची में पहली बार 69 भारतीय विश्वविद्यालयों ने जगह बनाई है। इस बार भारतीय रिपोर्ट के अनुसार विकास अध्ययन की नई रेणी में जेएनयू 81.3 स्कोर के साथ  विश्व में 20वें स्थान पर आया है। वहीं आईआईएम अहमदाबाद ने व्यवसाय और प्रबंधन अध्ययन में 22वीं रैंक हासिल की है। आईआईएम बैंगलोर और आईआईएम कलकत्ता को शीर्ष 50 में जगह मिली है।

भारतीय विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन में 17% सुधार : जेसिका टर्नर

क्यूएस सीईओ जेसिका टर्नर ने बताया कि कुल मिलाकर भारतीय विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन में साल दर साल 17 फीसदी का सुधार हुआ है। पिछले वर्ष 355 एंट्रीज की तुलना में इस बार प्रदर्शन 19.4 फीसदी सुधरा है। इस वर्ष 72 फीसदी एंट्रीज नई हैं, जिन्होंने प्रदर्शन में सुधार किया है, जबकि 18 फीसदी विश्वविद्यालय के प्रदर्शन में गिरावट आई है। शीर्ष 200 एंट्रीज की संख्या में भारत एशिया स्तर पर पांचवें स्थान पर, वहीं शीर्ष 100 एंट्रीज में छठे स्थान पर है। जबकि सवीता इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज में दंत चिकित्सा में 27वीं रैंक मिली है। वहीं, इंडियन स्कूल आॅफ माइंस एवं मिनरल को 44वां स्थान हासिल हुआ है।

शोध के क्षेत्र में भारत दुनिया का चौथा बड़ा देश : बेन सॉटर

क्यूएस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बेन सॉटर ने बताया कि शोध के क्षेत्र में भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश है, जो 1.3 मिलियन अकादमिक पेपर तैयार करता है। इसके मुकाबले चीन 4.5 मिलियन, अमेरिका 4.4 मिलियन तो ब्रिटेन 1.4 मिलियन से थोड़ा कम है। भारत शोध क्षेत्र में ब्रिटेन से आगे निकलने को तैयार है। 2017 से 2022 के दौरान 54 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह वैश्विक औसत का लगभग दोगुना है। जबकि दुनिया भर में नौवें स्थान पर है। भारत शोध मानकों की गुणवत्ता में सुधार करके वैश्विक स्तर पर शीर्ष पर जाने की तैयारी में है।

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