- प्रतिबंध तकनीकी शिक्षा संस्थानों पर भी लागू
- पेय पीने के प्रभावों के बारे में बताने के निर्देश
Cambodia News, (आज समाज), नोम पेन्ह: युवाओं में बढ़ते मधुमेह के मामलों के बाद कंबोडिया सरकार ने देश के स्कूलों में एनर्जी ड्रिक्स को बैन कर दिया है। उप प्रधानमंत्री और शिक्षा, युवा और खेल मंत्री हैंग चुआन नारोन (Hang Chuan Naron) ने बताया है कि शुगर और एनर्जी ड्रिंक्स के कारण होने वाले गैर संचारी रोगों से बचाव के लिए यह कदम उठाया गया है। चुआन नारोन के अनुसार खास तौर पर मधुमेह यानी डायबिटीज के जोखिम को रोकने के लिए सरकार ने एनर्जी ड्रिंक्स को प्रतिबंधित करने का फैसला किया है। बता दें कि शर्करा और ऊर्जा पेय के सेवन से डायबिटीज होती है।
आसपास सब तरह के पेय की बिक्री, विज्ञापन व सेवन बैन
एक रिपोर्ट के अनुसार, नारोन ने अपने निर्देश में कहा है कि स्कूलों के परिसरों और उसके आसपास सभी प्रकार के ऊर्जा पेय का सेवन, वितरण, बिक्री व विज्ञापन सख्त वर्जित है। उन्होंने कहा, यह प्रतिबंध देश भर के सभी सार्वजनिक और निजी शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ तकनीकी शिक्षा संस्थानों पर भी लागू है।
नारोन ने सभी स्कूलों को सलाह दी है कि वे छात्रों को राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने के लिए इकट्ठा होने पर ऊर्जा पेय पीने के प्रभावों के बारे में याद दिलाएं। नारोन ने स्कूलों को निर्देश दिया कि वे स्कूलों व आसपास विक्रेताओं से ऊर्जा पेय जब्त करें और प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर उनके स्टॉल किराये के अनुबंध समाप्त करें।
पीएम की इस बात के बाद लगाया बैन
यह प्रतिबंध कम्बोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेट द्वारा यह कहे जाने के कुछ घंटों बाद लगाया गया कि उनके देश में मधुमेह के मामलों में वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री हुन ने शिक्षा, युवा एवं खेल मंत्रालय को छात्रों में इस रोग की रोकथाम के लिए कार्रवाई करने की सलाह दी है। उन्होंने राजधानी नोम पेन्ह में यूनिवर्सिटी आॅफ हेल्थ साइंसेज हॉस्पिटल के शिलान्यास समारोह के दौरान कहा, कुछ बच्चे एक दिन में तीन कैन तक मीठा या एनर्जी ड्रिंक पी जाते हैं।
मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण था मधुमेह : स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री च्यांग रा के अनुसार, कंबोडिया में मधुमेह मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण था। उन्होंने कहा कि संक्रामक रोग कभी देश में मृत्यु का मुख्य कारण थे, लेकिन वर्तमान में गैर-संचारी रोग आधे से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार हैं। मंत्री ने कहा, गैर-संचारी रोगों के चार मुख्य प्रकार हैं- हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर और पुरानी श्वसन संबंधी बीमारी।
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