Freedom House Report, (आज समाज), वाशिंगटन: इंटरनेट स्वतंत्रता के मामले में चीन दुनिया में सबसे खराब स्थान पर रहा है। अमेरिका के गैर-लाभकारी संगठन फ्रीडम हाउस की सालाना रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। ‘फ्रीडम आन द नेट’ (एफओटीएन) नाम से जारी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जून-2023 से मई-2024 के बीच संबंधित डेटा एकत्र किया गया और इसके आधार पर जब इंटरनेट स्वतंत्रता का मूल्यांकन किया गया तो उसमें चीन अंतिम स्थान पर आया।
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फ्रीडम हाउस के मुताबिक इंटरनेट स्वंतंत्रता को लेकर जानकारी हासिल करने के लिए लोगों को इंटरनेट तक पहुंचने में आने वाली दिक्कतों, उपयोगकर्ताओं के अधिकारों की अवहेलना और सामग्री की सीमाओं को शामिल किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक चीन के साथ ही म्यांमार ने भी इंटरनेट स्वतंत्रता के मामले में 100 में से 9 अंक हासिल किए, जो सभी देशों की तुलना में सबसे कम है।
फ्रीडम हाउस ने कहा है कि चीन सरकार ने अपनी कुछ आधिकारिक वेबसाइटों तक अंतरराष्ट्रीय ट्रैफिक की पहुंच को ब्लॉक कर दिया है, और वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का उपयोग करने वाले लोगों पर चीन सरकार ने भारी जुर्माना लगाया है।। साथ ही ड्रैगन ने घरेलू इंटरनेट को भी वैश्विक नेटवर्क से पृथक करने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं।
म्यांमार में भी इंटरनेट स्वतंत्रता की स्थिति ठीक नहीं है। फ्रीडम हाउस की रिपोर्ट में कहा गया है कि म्यांमार की सेना ने इंटरनेट की आजादी पर अपने हमले बढ़ा दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार म्यांमार में आनलाइन असहमति के विरोध में एक क्रूर अभियान चलाया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वहां स्थितियां FOTN के इतिहास में सबसे लोअर लेवल पर पहुंच गई हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक म्यांमार में सेना ने 2021 में सत्ता हथियाने के बाद से असहमति को लेकर क्रूर हिंसक कार्रवाई की है। यही नहीं, वहां की सेना ने हजारों लोगों को उनके आनलाइन भाषण के लिए प्रतिशोध में जेलों में बंद किया है, जबकि सशस्त्र प्रतिरोध समूहों और नागरिक लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं की एक्टिीविटीज को दबाने के मकसद से बड़े पैमाने पर निगरानी व्यवस्था एवं सेंसरशिप का निर्माण किया है।
मई-2024 में म्यांमार सेना ने ज्यादातर VPN को अवरुद्ध करने के मकसद से नई सेंसरशिप टेक्नोलॉजी पेश की, जिससे लोगों को उन उपकरणों से दूर कर दिया गया, जिन पर वे सुरक्षित तौर पर इंटरनेट नियंत्रण को बायपास करने के लिए विश्वास करते थे। स्पेक्ट्रम के दूसरे छोर पर, आइसलैंड ने सबसे फ्री आनलाइन माहौल के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखी और और जाम्बिया ने सबसे बड़ा स्कोर सुधार प्राप्त किया।
2024 में पहली बार, एफओटीएन ने नीदरलैंड और चिली के हालात का आकलन किया। उसके बाद आॅनलाइन मानवाधिकारों के लिए दोनों देशों ने मजबूत सुरक्षा उपाए प्रदर्शित किए। संगठन ने यह भी कहा है कि वैश्विक इंटरनेट स्वतंत्रता में लगातार 14वें वर्ष गिरावट दर्ज की गई है और एफओटीएन द्वारा कवर किए 72 राष्टÑों में से 27 में आॅनलाइन मानवाधिकारों की सेफ्टी घटी है।
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