World News: बांग्लादेश के बाद थाईलैंड में राजनीतिक हलचल, जानें क्या हुआ

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World News बांग्लादेश के बाद थाईलैंड में राजनीतिक हलचल, जानें क्या हुआ
World News : बांग्लादेश के बाद थाईलैंड में राजनीतिक हलचल, जानें क्या हुआ

Thailand Politics, (आज समाज), बैंकाक: बांग्लादेश में सियासी संग्राम अभी खत्म नहीं हुआ है और इस बीच थाईलैंड में राजनीतिक हलचल दिखने को मिली है। दरअसल, इस देश की संवैधानिक अदालत ने नैतिकता के एक मामले में आज प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन को पद से हटा दिया, जिसके बाद वहां एक बार फिर सियासी भूचाल आ गया है।संवैधानिक अदालत के न्यायाधीशों ने फैसला दिया कि श्रेथा थाविसिन ने अपने मंत्रिमंडल में एक अपराधी वकील को नियुक्त करके नियमों की अवहेलना की है। थाईलैंड के पूर्व सत्तारूढ़ जून्टा द्वारा नियुक्त पूर्व सीनेटरों के एक समूह द्वारा यह मामला लाया गया था।

कैबिनेट सदस्य की नियुक्ति को लेकर दोषी ठहराया

एक सप्ताह पहले अदालत ने मुख्य विपक्षी दल को भंग कर दिया था। अदालत ने श्रेथा के खिलाफ 5:4 के बहुमत से फैसला लेते हुए उन्हें एक कैबिनेट सदस्य की नियुक्ति को लेकर दोषी ठहराया। उस कैबिनेट सदस्य को अदालत के एक अधिकारी को रिश्वत देने के मामले में जेल की सजा हुई थी। संसद जब तक नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति नहीं करती तब तक कैबिनेट कार्यवाहक आधार पर बनी रहेगी। संसद को इस पद पर नियुक्ति के लिए कोई समयसीमा नहीं दी गई है।

पिचिट चुएनबान को हुई थी 6 महीने जेल

श्रेथा ने अप्रैल में कैबिनेट फेरबदल में पिचिट चुएनबान को प्रधानमंत्री कार्यालय के मंत्री के रूप में नियुक्त किया था। पिचिट को 2008 में अदालत की अवमानना के मामले में तब 6 महीने की जेल हुई थी जब उन्होंने कथित तौर पर पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनवात्रा से जुड़े एक मामले में एक न्यायाधीश को 20 लाख बाहत (55 हजार अमेरिकी डॉलर) की रिश्वत देने की कोशिश की थी।

घटना पर जब विवाद फिर से शुरू हुआ तो नियुक्ति के कुछ सप्ताह बाद पिचिट ने पद से इस्तीफा दे दिया। अदालत ने कहा कि हालांकि पिचिट पहले ही जेल की सजा काट चुके हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक उनका व्यवहार बेईमानी भरा है। कोर्ट ने फैसला सुनाया कि प्रधानमंत्री के रूप में श्रेथा के पास अपने कैबिनेट सहकर्मियों की योग्यता की पड़ताल करने की जिम्मेदारी थी। अदालत ने कहा कि पिचिट के अतीत के बारे में श्रेथा जानते थे, पर फिर भी उन्हें कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया और इस तरह उन्होंने नैतिकता संहिता की अवहेलना की है।