FARIDABAD NEWS : विश्व फेफड़ा दिवस : धूम्रपान की लत बढ़ा रही फेफड़े के कैंसर का खतरा 

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फरीदाबाद न्यूज (आज समाज) बदलती लाइफ स्टाइल और धूम्रपान की लत से फेफड़ों का कैंसर (लंग कैंसर) तेजी से पांव पसार रहा है। युवा इसकी गिरफ्त में तेजी से आ रहे हैं। बुधवार को लंग कैंसर दिवस के उपलक्ष्य में ग्रेटर फरीदाबाद सेक्टर 86 स्थित एकॉर्ड अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें युवाओं को धूम्रपान की वजह से बढ़ रहे खतरे के बारे में जागरूक किया गया।
अस्पताल श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. रोहित मुखर्जी ने बताया कि फेफड़ों के कैंसर की मुख्य वजह धूम्रपान है। इसके अलावा कई दूसरे कारण भी हो सकते हैं, जिनमें तंबाकू चबाना और धूम्रपान वाले धुएं के संपर्क में आना भी एक वजह है। सिगरेट पीना फेफड़ों के जोखिम के लिए सबसे आम और गंभीर कारकों में से एक है। हालांकि, धूम्रपान नहीं करने वालों में भी कैंसर का यह रूप विकसित हो सकता है। लंग कैंसर तब होता है, जब कैंसर पैदा करने वाले एजेंट फेफड़ों में असामान्य कोशिकाएं बनाने लगते हैं। शुरुआती स्टेज में कैंसर का पता लग जाने से उपचार की दर 60 से 80 प्रतिशत तक होती है जो दूसरे अंगों में फैलने के कारण कम होती जाती है। फेफड़ों के कैंसर में मेटास्टेसिस अक्सर मस्तिष्क, लिम्फ नोड्स, लिवर और एड्रेनल ग्लैंड्स को प्रभावित करता है।
डॉ. रोहित मुखर्जी के मुकाबिक देश में हर साल फेफड़ों के कैंसर से लाखों लोगों की जान चली जाती है। फेफड़ों का कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। साथ ही इसके संकेतों का तब तक पता नहीं चलता जब तक बीमारी गंभीर चरण में नहीं पहुंच जाती। इस खतरनाक बीमारी के शुरुआती लक्षण लगातार एक हफ्ते से ज्यादा समय तक खांसी रहती है, तो बेहतर है कि डॉक्टर से सलाह करें। साथ ही अगर खांसी खराब होती जाती है और साथ ही खून भी आता है, जो इस स्थिति को गंभीरता से लें और फौरन डॉक्टर को दिखाएं। हालांकि, खांसी के आधार पर कैंसर की पुष्टि नहीं होती क्योंकि इसे हिडेन स्टेज कहा जाता है। अगर खांसी चार सप्ताह से ज्यादा समय तक बनी हुई है तो डॉक्टर से जांच करवाने की जरूरत हो जाती है। छाती में दर्द होना और किसी भी वक्त सांस लेने में दिक्कत महसूस होना भी फेफड़ों के कैंसर का लक्षण हो सकता है। अगर कोई व्यक्ति ज्यादा धूम्रपान करता है तो उसे और उसके नजदीकी लोगों को यह लक्षण अनदेखा नहीं करने चाहिए। इसके लक्षणों में बिना वजह थकान महसूस होना भी शामिल है। ज्यादा कामकाज किए बिना भी हर वक्त थकान का जारी होना भी इसका लक्षण हो सकता है।