World Glaucoma Week: विश्व ग्लूकोमा सप्ताह के अंर्तगत लोगों को किया जागरूक

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संजीव कौशिक. रोहतक:
World Glaucoma Week: हरियाणा सरकार हमें मुफ्त में जांच सुविधा प्रदान कर रही है तो हमें उस सुविधा का लाभ उठाना चाहिए, जिस दिन भी आपके पास समय हो 40 वर्ष की उम्र के बाद साल में किसी भी एक दिन पीजीआईएमएस या किसी भी सरकारी अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में अपने आंखों की जांच अवश्य करवाएं।(World Glaucoma Week) आंखें हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है और यदि ये ही खराब हो गया तो पूरा जीवन अंधकारमय हो जाता है। यह कहना है पीजीआईएमएस रोहतक के क्षेत्रीय नेत्र विज्ञान संस्थान के ग्लूकोमा यूनिट की अध्यक्ष डॉ. मनीषा राठी का। वें 6 से 12 मार्च तक संस्थान में मनाए जा रहे विश्व ग्लूकोमा सप्ताह के अंर्तगत आम लोगों को संबोधित कर रही थीं।

अधिकतर मरीजों को पता ही नहीं कि उन्हें काला मोतिया है World Glaucoma Week

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डॉ. मनीषा राठी ने कहा कि काले मोतिया के अधिकतर मरीज तो ऐसे होते हैं जो उनके पास ओपीडी में सामान्य जांच करवाने आते हैं और जब उन्हें काले मोतिया का पता चलता है तो वें भी हैरान रह जाते हैं, जिसके बाद तुरंत प्रभाव से उनका आप्रेशन कर उनके आंखों की रोशनी बचा ली जाती है। ऐसे में हमें बिल्कुल भी घबराना नहीं चाहिए और 40 वर्ष के बाद हर साल अपने आंखों की जांच करवानी चाहिए।

ग्लूकोमा कोई संक्रमण या संक्रामक रोग नही: डॉ. मनीषा राठी World Glaucoma Week

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डॉ. मनीषा राठी ने कहा कि ग्लूकोमा कोई संक्रमण या संक्रामक रोग नही है यह सिर्फ ऑप्टिक नर्व हेड का एक रोग है जो आंख में तरल पद्वार्थ का दबाव बहुत अधिक होने के कारण होता है। डॉ. मनीषा राठी ने कहा कि पीजीआईएमएस में हरियाणा सरकार, कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना , कुलसचिव डॉ.एच.के. अग्रवाल, निदेशक डॉ. एस.एस  लोहचब,  विभागाध्यक्ष  डॉ  आर एस चौहान द्वारा ग्लूकोमा  के इलाज में प्रयोग होने वाली सभी अत्याधुनिक मशीनें उपलब्ध करवाई हैं, जिनसे निशुल्क इलाज व आप्रेशन किया जाता है।

ग्लूकोमा के मरीजों को मुफ्त दवाईयां प्रदान की जाएंगी World Glaucoma Week

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प्रोफैसर डॉ. सुमित सचदेवा ने कहा कि इस पूरे सप्ताह हम अलग-अलग माध्यम से लोगों को ग्लूकोमा के प्रति जागरूक करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने आज जो यह ग्लूकोमा के बारे में जानकारी प्राप्त की है उसको अब आगे समाज में फैलाना है ताकि किसी भी व्यक्ति को इलाज में देरी ना हो। डॉ. सुमित सचदेवा ने कहा कि इस सप्ताह के अंर्तगत ग्लूकोमा के मरीजों को मुफ्त दवाईयां भी प्रदान की जाएंगी।

साल में एक बार अपनी आंखों की जांच अवश्य करवाएं World Glaucoma Week

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विभागाध्यक्ष डॉ आर एस चौहान ने बताया कि आज लोगों को काले मोतियाबिंद के प्रति जागरूक करने के लिए एक आयोजन किया गया वहीं ओपीडी तक एक जागरूकता रैली निकाली गई।डॉ आर एस चौहान ने कहा कि जिन लोगों के परिवार में शुगर, बीपी या मोतिया की शिकायत है उन्हें साल में एक बार अपनी आंखों की जांच अवश्य करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें डॉ मनीषा व डॉ सचदेवा पर गर्व है जो हर साल विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास कर रहे हैं।

व्याख्यान के माध्यम से किया लोगों को जागरूक World Glaucoma Week

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डॉ. मनीषा राठी व डॉ. सुमित सचदेवा ने एक व्याख्यान के माध्यम से लोगों को जागरूक कर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया। डॉ. सुमित ने कहा कि गलूकोमा क्लीनिक की शुरूआत में उनके पास साल में सिर्फ 300 मरीज आते थे और आज धीरे-धीरे जागरूकता बढऩे से पीजीआई में सालाना करीब 1200 मरीज काले मोतिया के आते हैं और कुछ  मरीज तो आखिरी स्टेज में तब आते हैं, जब उन्हें दिखना बिल्कुल बंद हो जाता है।  डॉ. सुमित सचदेवा ने बताया कि संस्थान में प्रत्येक सोमवार व बुधवार को गलूकोमा यूनिट द्वारा डॉ. मनीषा व उनके दिशा-निर्देशन में स्पेशल क्लीनिक चलाया जाता है।

डॉ. सुमित सचदेवा बता रहे हैं ग्लूकोमा के लक्षण World Glaucoma Week

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1) रोशनी के चारों ओर आभा दिखाई देना
2) नजर में संकरापन आना
3) बार-बार चश्में का नंबर बदलना
4) आंख में लालिमा
5) आंखों में धुंधलापन आना
6) आंख में व सिर में दर्द होना

डॉ. मनीषा राठी ने बताया किग्लूकोमा होने पर क्या करें और क्या ना करें World Glaucoma Week

1. आप बताए अनुसार निरंतर अपनी दवा लें।
2. एक बार में आपको जितनी दवा बताई गई है उसकी मात्रा या संख्या में बढ़ोतरी न करें।
3. ड्रॉप्स के बीच 15 मिनट का अंतर रखें।
4. ड्राप्स को ठीक तापमान पर रखें।
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