Aaj Samaj (आज समाज), Art of Living,मनोज वर्मा,कैथल: श्री श्री रविशंकर द्वारा संचालित संस्था आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा सर्वजन हिताय हेतू गुरुपूजा का आयोजन किया गया। आचार्या कंचन सेठ ने बताया कि आचार्या अल्पना मित्तल के निवास पर आयोजित गुरुपूजा के पश्चात् परमपूज्य गुरुदेव श्री श्री रविशंकर के पावन सानिध्य में अमेरिका में सम्पन्न हुए विश्व सांस्कृतिक कार्यक्रम समापन समारोह के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। विश्व संस्कृति महोत्सव का समापन: ध्रुवीकृत दुनिया में शांति के लिए आवाज़ उठाते हुए संस्कृतियों व आस्थाओं के वैश्विक उत्सव के लिए 10 लाख से अधिक लोग एकत्र हुए। तीन दिवसीय विश्व संस्कृति महोत्सव 2023 दक्षिण एशिया, लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई द्वीपों के एक शानदार और जीवंत प्रदर्शनों के साथ संपन्न हुआ। जिसके साथ ही कई अंतरधार्मिक नेतागण अपने अनूठे तरीकों से प्रार्थना करने के लिए मंच पर आए। उन्होंने वैश्विक शांति के लिए, नफरत और कट्टरता से ऊपर उठने का आह्वान किया।
पिछले तीन दिनों में, 180 देशों के दस लाख से अधिक लोग अपनेपन और भाईचारे का एक संदेश देने के उद्देश्य से मानवता की एक ऐतिहासिक सभा में वाशिंगटन डी.सी के प्रतिष्ठित नेशनल मॉल में नृत्य, संगीत, ध्यान और संस्कृति के माध्यम से मानव विविधता का जश्न मनाने के लिए आए। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि यह सभा एक शक्तिशाली पुष्टि का प्रतिनिधित्व करती है कि मानवता सभी विभाजनों से ऊपर है। हमें एक ऐसी दुनिया बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए जहां शांति और सद्भाव बना रहे । संयुक्त राष्ट्र के 8वें महासचिव बान की मून ने आगे कहा कि एकता एक विकल्प नहीं बल्कि एक आवश्यकता है। विश्व संस्कृति महोत्सव 2023 जैसे आयोजन हमें याद दिलाते हैं कि हम सभी एक साझा नियति का हिस्सा हैं।
वैश्विक शांति के प्रयासों के लिए एकता, करुणा और सामूहिक जिम्मेदारी का एक आम संदेश साझा करने के लिए, विविध पृष्ठभूमि के अंतरधार्मिक नेता उत्सव में एक साथ आए। धार्मिक नेताओं में यूएसए के सिख धर्म के प्रचारक सतपाल सिंह खालसा तथा पश्चिम गोलार्ध और सिख धर्म के मुख्य धार्मिक और आध्यात्मिक नेता- रब्बी शेरोन एनिसफेल्ड, हिब्रू कॉलेज के अध्यक्ष, और पारसी धर्म की नेत्री सुश्री सौसन अबाडियन, अन्य गणमान्य अतिथियों में शामिल थे। अपने ज्ञान को साझा करते हुए सतपाल सिंह खालसा ने कहा कि हमें उस सामान्य सूत्र को पहचानना चाहिए जो सीमाओं और विश्वासों से परे हमव सभी को बांधता है। एकता और करुणा स्थायी शांति का मार्ग है। गुरुपूजा कार्यक्रम के बाद सभी साधकों को गुरुआशीष सूचक प्रशाद भी दिया गया।
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