विश्‍व साइकिल दिवस पर पाइट कॉलेज ने की पहल- साइकिल दिवस रैली में ग्रामीण भी शामिल हुए

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विश्‍व साइकिल दिवस पर पाइट कॉलेज ने की पहल- साइकिल दिवस रैली में ग्रामीण भी शामिल हुए
विश्‍व साइकिल दिवस पर पाइट कॉलेज ने की पहल- साइकिल दिवस रैली में ग्रामीण भी शामिल हुए
आज समाज डिजिटल, पानीपत:
पानीपत। पानीपत इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियिरंग एंड टेक्‍नॉलोजी (पाइट) कॉलेज में शुक्रवार को विश्‍व साइकिल दिवस मनाया गया। आजादी के अमृत महोत्‍सव के तहत मिनिस्‍ट्री ऑफ यूथ अफेयर एंड स्‍पोटर्स विभाग के तत्‍वावधान में यह कार्यक्रम किया गया। निदेशक डॉ.शक्ति कुमार ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। एनएसएस के स्‍वयंसेवकों, यूथ रेडक्रॉस क्‍लब के सदस्‍यों ने इस रैली में भाग लिया। रैली कॉलेज से होते हुए गांव पट़टीकल्‍याणा से वापस कॉलेज पहुंची।

साइकिल दिवस का उद्देश्य है कि हम खुद को स्‍वस्‍थ रखें

गांव में रैली का ग्रामीणों ने स्‍वागत किया। यहां पर कुछ ग्रामीण भी अपनी साइकिल लेकर शामिल हो गए। कॉलेज वापस पहुंचने पर चेयरमैन हरिओम तायल, ट्रेनिंग एंड प्‍लेसमेंट के निदेशक रितेश अग्रवाल, पीआरओ ओपी रनौलिया, इवेंट मैनेजर तरुण मिगलानी, हन्‍नी बंसल, संदीप बिंद्रा, हार्दिक अरोड़ा ने सभी का उत्‍साह बढ़ाया। रैली को रवाना करने से पूर्व डॉ.शक्ति कुमार ने कहा कि साइकिल दिवस का उद्देश्य है कि हम खुद को स्‍वस्‍थ रखें। पर्यावरण का संरक्षण करें। साइकिल चलाएंगे तो आर्थिक रूप से भी फायदा है, क्‍योंकि इसमें पेट्रोल नहीं लगता।

 

 

विश्‍व साइकिल दिवस पर पाइट कॉलेज ने की पहल- साइकिल दिवस रैली में ग्रामीण भी शामिल हुए
विश्‍व साइकिल दिवस पर पाइट कॉलेज ने की पहल- साइकिल दिवस रैली में ग्रामीण भी शामिल हुए

जब भी अवसर मिले, साइकिल जरूर चलानी चाहिए

हम सभी को जब भी अवसर मिले, साइकिल जरूर चलानी चाहिए। डीन स्‍टूडेंट वेलफेयर डॉ.बीबी शर्मा ने कहा कि एनएसएस के स्‍वयंसेवकों ने सराहनीय पहल की है। सभी को जागरूक किया है। यह मुहिम चलती रहनी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली द्वारा हर साल तीन जून को यह दिवस मनाया जाता है। साल 2018 में अंतरराष्ट्रीय साइकिल दिवस घोषित किया गया था। अमेरिका के मोंटगोमरी कॉलेज के प्रोफेसर लेस्जेक सिबिल्सकी ने इस दिवस को मनाने का प्रस्‍ताव दिया था।

लोगों ने समय की बचत और सुविधा के लिए साइकिल चलाना कम कर दिया

लेस्‍जेक सिबिल्स्की ने कैंपेन चलाया था, जिसका तुर्कमेनिस्तान और 56 अन्य देशों ने समर्थन किया था। तकनीक के विकास के साथ ही गाड़ियों का उपयोग बढ़ने लगा। लोगों की दिनचर्या पर गहरा असर पड़ा। लोगों ने समय की बचत और सुविधा के लिए साइकिल चलाना कम कर दिया। साइकिल के उपयोग और जरूरत के बारे में बच्चों और अन्य लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से इस दिन की शुरुआत हुई।
साइकिल चलाआगे तो फि‍ट रहोगे
कॉलेज के युवाओं ने स्‍लोगन बनाए, साइकिल चलाआगे तो फि‍ट रहोगे। आर्थिक रूप से भी फायदा होगा, पर्यावरण संरक्षण किया। समाधान बनें प्रदूषण नहीं। साइकिल चलाएं, पृथ्‍वी बचाएं। इस अवसर पर रजिस्‍ट्रार मनोज अरोड़ा, एनएसएस प्रोग्राम ऑफि‍सर प्रदीप कुमार, एनएसएस से जसजीत, धीरज, शुभग अग्रवाल, अनुज दीक्षित, कोर्डिनेटर प्रतिभा मौजूद रहीं।