नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ :
हिंदी के प्रचार-प्रसार में तकनीक का योगदान महत्त्वपूर्ण है। आज के समय में कम्प्यूटर का उपयोग करते समय भाषा की बाध्यता समाप्त हो गई है और जहां तक बात हिंदी की है। तो आज अनेक ऐसे टूल्स उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से कम्प्यूटर पर हिंदी में काम करना बेहद आसान हो गया है। यह विचार हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने विश्वविद्यालय में हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत आयोजित आॅनलाइन कार्यशाला को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर में वरिष्ठ हिंदी अधिकारी डॉ. राजीव रावत विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ शुरू हुई कार्यशाला में कुलपति का परिचय हिंदी प्रोत्साहन समिति के संयोजक व छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. दिनेश गुप्ता ने प्रस्तुत किया। कुलपति ने अपने संबोधन में राजभाषा हिंदी के क्रियान्वयन और उसके व्यावहारिक उपयोग की दिशा में तकनीकी बदलावों को महत्त्वपूर्ण बताया और कहा कि हमें इन्हें अपनाकर आगे बढ़ना होगा। कुलपति ने आयोजन में विशेषज्ञ वक्ता की ओर से प्रस्तुत जानकारी को सभी के लिए उपयोगी बताया और कहा कि उन्हें यकीन है कि सभी प्रतिभागी इस जानकारी का अधिकतम उपयोग करेंगे। विशेषज्ञ वक्ता का परिचय विश्वविद्यालय के सह-आचार्य डॉ. प्रमोद कुमार ने प्रस्तुत किया। डॉ. राजीव रावत ने अपने संबोधन में हिंदी के अधिकतम उपयोग में तकनीक के योगदान के विषय में बताया और हिंदी टाइपिंग से लेकर बोलकर टाइप करने की तकनीक से भी प्रतिभागियों को अवगत कराया। डॉ. रावत ने दैनिक कार्यालयीन कार्यों में हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने में मददगार विभिन्न प्रयासों का प्रायोगिक प्रशिक्षण भी प्रतिभागियों को अवगत कराया। कार्यशाला के अंत हिंदी प्रोत्साहन समिति के सदस्य डॉ. अजयपाल ने धन्यवाद ज्ञापन प्रोत्साहन समिति के सदस्य डॉ. अजयपाल ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का सफलतम संचालन सहायक आचार्य डॉ. शंकर लाल ने किया। कार्यशाला में प्रो. संजीव कुमार, प्रो. सारिका शर्मा सहित विश्वविद्यालय की विभिन्न पीठों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, शिक्षक प्रभारी, शिक्षक, कर्मचारी, शोधार्थी व विद्यार्थी आॅनलाइन माध्यम से उपस्थित रहे।