- पाइट में टेक्सटाइल पर वर्कशॉप एवं पैनल डिस्कशन, टेक्सटाइल क्रांति की संभावनाएं
पानीपत की पहचान टेक्सटाइल की वजह से
पाइट के वाइस चेयरमैन राकेश तायल ने कहा कि पानीपत की पहचान टेक्सटाइल की वजह से है। हमें अगर और तरक्की करनी है तो डाटा साइंस, मशीन लर्निंग एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से टेक्निकल टेक्सटाइल की तरफ बढ़ना होगा। अलग-अलग संकाय के छात्र मिलकर नए प्रयोग करें। कृषि के बाद टेक्सटाइल ही ऐसा क्षेत्र है, जिसमें सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर हैं। बानिक ने कहा कि पानीपत में होम फनिर्शिंग क्षेत्र में अभी और आयाम स्थापित करने हैं। धागे और कपड़े में नए डिजाइन एवं नए प्रयोग करके विश्व में अपनी छाप छोड़ सकते हैं। एचपीटी कंपनी से डॉ.नंदन कुमार ने कहा कि वह ऐसा धागा बना रहे हैं, जिसे आग नहीं पकड़ सकती। चाकू से उसे काटा नहीं जा सकता। बड़ी कंपनियों में इसकी मांग अधिक है।
अवसर है कि नए प्रयोग करके दुनिया में छा जाएं
भारतीयों के पास अवसर है कि नए प्रयोग करके दुनिया में छा जाएं। सोफे के कपड़े से लेकर कंबल बनाने तक में हम क्रांति ला सकते हैं। इस अवसर पर पाइट बोर्ड सदस्य शुभम तायल, श्री पुष्कर इंटरप्राइजेज से राजीव माखरिया, रिदम ओवरसीज से धीरज मिगलानी, पार्क नॉन वूवन से पंकज कपूर, एटीई इंटरप्राइजेज से अनिल कुमार, होम अंतरा से वैभव गोयल, सीजंस से दिनेश नारंग, सत्यम से मनीष छाबड़ा, निफट पंचकूला से भारती, जीएसबी टेक्सटेक्ट से मुकुल अरोड़ा मौजूद रहे। टेक्सटाइल विभाग के अध्यक्ष डॉ.सुदर्शन धमीजा, डॉ.हरविंद्र सिंह एवं भावना मौजूद रहीं।