Women Reservation Bill लोकसभा में पारित, आज राज्यसभा में होगी चर्चा

0
356
Women Reservation Bill
नारी शक्ति वंदन विधेयक पर बुधवार को लोकसभा में जारी चर्चा में भाग लेतीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी व कांग्रेस पार्टी की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी।

Aaj Samaj (आज समाज), Women Reservation Bill, नई दिल्ली: महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) लोकसभा में पास हो गया है और आज इस पर राज्यसभा में बहस होगी। केंद्र सरकार द्वारा बुलाए गए संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन बीते कल बिल के पक्ष में कुल 454 वोट पड़े थे। विरोध में केवल दो वोट पड़े। विशेष सत्र का आज चौथा दिन है। नारी शक्ति वंदन विधेयक पारित किए जाने के दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद थे।

  • बिल के पक्ष में 454,  विरोध में पड़े 2 वोट
  • एआईएमआईएम ने किया विधेयक में विरोध

60 सदस्यों ने विधेयक पर चर्चा में भाग लिया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और राहुल गांधी समेत कुल 60 सदस्यों ने बुधवार को विधेयक पर चर्चा में भाग लिया। इनमें 27 महिला सदस्य शामिल थीं। सदन में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, टीएमसी व डीएमके समेत सभी विपक्षी दलों ने विधेयक का समर्थन किया। एआईएमआईएम ने विधेयक में विरोध किया।

राजनीतिक पार्टियों में क्रेडिट वार की होड़

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में मंगलवार को महिला आरक्षण बिल पेश किया था। कल सत्र के तीसरे दिन अर्जुन मेघवाल ने ही इस पर चर्चा की शुरुआत की और उनके बाद कांग्रेस पार्टी की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चर्चा में हिस्सा लिया। इस दौरान बिल लाने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्षी पार्टियों के बीच क्रेडिट वार देखने को मिला। सोनिया गांधी ने कहा, महिला आरक्षण विधेयक मेरे पति राजीव गांधी का सपना था और स्थानीय निकायों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने वाले इस कानून को पहली बार राजीव लाए थे, जो राज्यसभा में 7 वोटों से गिर गया था। उधर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, यह केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिल है।

मैं नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 के समर्थन में : सोनिया

सोनिया गांधी ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा, मैं नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 के समर्थन में खड़ी हूं। उन्होंने पूछा कि महिलाओं से कहा जा रहा है कि इस विधेयक के कानून बनने के लिए उन्हें और इंतजार करना होगा। उन्होंने कहा, हमारी मांग है कि इस बिल को तुरंत कानून बनाया जाए। इसके अलावा सोनिया ने अन्य पिछड़ा वर्ग/अनुसूचित जाति (ओबीसी/एससी) समुदायों की महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जाति जनगणना आयोजित करने की भी मांग की।

ममता बनर्जी ‘मदर आफ बिल’ : महुआ मोइत्रा

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘मदर आॅफ बिल’ बताया। उन्होंने ने कहा कि ममता बनर्जी ने पहले से ही लोकसभा में महिलाओं को पर्याप्त जगह दी है और वे असल मायने में ‘मदर आॅफ बिल’ हैं। टीएमसी सांसद ने जल्द से जल्द कानून बनाने की मांग की। उन्होंने कहा, ये मेरे लिए गर्व की बात है कि मैं टीएमसी से जुड़ी हूं एक ऐसी पार्टी जहां संसद पहुंचने वाले सदस्यों में 37 फीसदी महिलाएं हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने महुआ मोइत्रा का नाम लिए बगैर कहा, मुस्लिम आरक्षण मांगने वालों को मैं बताना चाहती हूं कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण वर्जित है। जिस प्रकार से विपक्ष भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है, उसमें ना फंसें।

15 वर्षों तक महिलाओं को आरक्षण की गारंटी : स्मृति

सोनिया के इस दावे पर उन्हें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अब यह बिल लाया गया, तो कुछ लोगों ने कहा कि यह ‘हमारा बिल’ है। स्मृति ने बताया कि प्रस्तावित बिल के एक लेख में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था ‘तीसरे आम चुनाव में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं होगी, लेकिन हमारी सरकार द्वारा लाए गए बिल के लागू होने के 15 वर्षों तक महिलाओं को आरक्षण की गारंटी दी जा रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, हमने महिलाओं को गिनने लायक बना दिया है और अब समय आ गया है कि आप आगे आएं, और अपने शब्दों को केवल कागजों या भाषण तक ही सीमित न रखें, बल्कि कार्रवाई के साथ बोलें और ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ का समर्थन करें। स्मृति ईरानी ने यह भी कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं।

इन्होंने ने भी ओबीसी महिलाओं को आरक्षण की मांग

एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले और समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव ने भी बिल में ओबीसी महिलाओं को आरक्षण देने की मांग की। सुप्रिया ने कहा कि सरकार बड़ा दिल करके बिल में एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था करे। वहीं, सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि बिल में ओबीसी और अल्पसंख्यक महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाना चाहिए।

यह भी पढ़ें :

Connect With Us: Twitter Facebook