Women Health: जानिए पीरियड्स में कम ब्लीडिंग होने के कारण

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जानिए पीरियड्स में कम ब्लीडिंग होने के कारण

Women Health: पीरियड्स में हर महिला की परेशानी अलग-अलग हो सकती है। कुछ महिलाओं के लिए पीरियड्स बहुत दर्दनाक होने होते हैं। जबकि कई महिलाओं के पीरियड्स दर्द रहित और नॉर्मल होते हैं। पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं अलग-अलग होना बिल्कुल नॉर्मल है। लेकिन ऐसे में पीरियड्स फ्लो सही होना हर किसी के लिए जरूर है। कुछ महिलाओं को पीरियड्स में बहुत कम ब्लीडिंग होती है या बहुत कम दिन ब्लीडिंग होती है। इस स्थिति को स्कैंडी पीरियड्स कहा जाता है। अगर आपको तीन दिन से कम ब्लीडिंग होते हैं, तो यह बिल्कुल नॉर्मल नहीं है। स्कैंडी पीरियड्स क्यों होते हैं और इससे कैसे डील करना है।

 कारण

पीसीओडी होने पर महिला को पीरियड्स में कम ब्लीडिंग होने लगती है। ऐसे में ओवरी में सिस्ट बढ़ने से ब्लड फ्लो रूक जाता है। इसके कारण पीरियड्स आने पर ब्लीडिंग कम होती है। इसके अलावा, ऐसे में पीसीओडी जल्दी खत्म भी हो जाते हैं।

यूट्रस ट्यूबरक्लोसिस

यूट्रस ट्यूबरक्लोसिस यानी गर्भाशय में टीबी होना। इसके कारण अंडाशय, गर्भाशय ग्रीवा, फेलोपियन ट्यूब और योनि के पास मौजूद लिम्फ नोड्स प्रभावित होने लगते हैं। इस समस्या में भी महिला के पीरियड्स कम आने लगते हैं। साथ ही ब्लड फ्लो और पीरियड्स साइकिल पर असर दिखने लगता है।

हाइपोथॉयराइडिज्म-

हाइपोथॉयराइडिज्म होने पर भी महिला कोपीरियड्स में कम ब्लीडिंग होती है। क्योंकि इस समस्या में हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं। वजन तेजी से बढ़ने लगता है जिस कारण एग भी कम फर्टिलाज्ड हो जाते हैं। ऐसे में हाइपोथॉयराइडिज्म कंट्रोल करना जरूरी है। साथ ही, ऐसे में तुरंत डॉक्टर से मिलें जिससे आप पीरियड्स साइकिल को नॉर्मल कर पाएं।

डिलीवरी के बाद हैवी ब्लीडिंग होना-

अगर महिला कोडिलीवरी के बाद हैवी ब्लीडिंग हुई है, तो ऐसे में पीरियड्स फ्लो पर असर पड़ता है। इसके कारण पिट्यूटरी ग्लैंड से हार्मोन्स प्रड्यूज होना कम हो जाते हैं। इसके कारण पीरियड्स आने पर ब्लीडिंग कम होने लगती है।

हार्मोन्स असंतुलित होना-

हार्मोन्स असंतुलित होना स्कैंडी पीरियड्स की वजह हो सकते हैं। क्योंकि हार्मोन्स असंतुलित होने के कारण शरीर के कई कार्य असंतुलित होने लगते हैं। अगर आपको अचानक से यह समस्या शुरू हुई है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।