झज्जर : पोषण माह के दौरान किया जा रहा है महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक

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महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित की जा रही हैं विभिन्न प्रकार की गतिविधियां
धीरज चाहार,  झज्जर :
डीसी श्याम लाल पूनिया ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जा रहा है। राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान कुपोषण को दूर करने के उद्देश्य के चलते जिला, खंड एवं ग्राम स्तर पर अनेक प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
डीसी श्री पूनिया ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देशानुसार पोषण माह की गतिविधियां एक सितंबर से 30 सितंबर तक चलाई जाएंगी। पोषण माह में महिलाओं द्वारा पंचायतों के सहयोग से पौधारोपण, अतिकुपोषण बच्चों के स्वास्थ्य की पहचान व जांच, पंचायतों के सहयोग से बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर महिला संगोष्ठी, गर्भवती महिलाओं को खुराक की जानकारी, स्वास्थ्य विभाग व पंचायत विभाग के सहयोग से अति कुपोषण बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पर वेबीनार का आयोजन, स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से बच्चों व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य जांच का विशेष शिविर तथा पंचायतों के सहयोग से विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार पोषण माह में बागवानी विभाग के सहयोग से किचन गार्डनिंग, विभाग द्वारा महिला आयुष, वन विभाग कृषि विभाग, बागवानी व महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पर्यावरण व अति कुपोषण बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति गतिविधियों की समीक्षा की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से बच्चों का वजन करनरा, महिलाओं के समूहों द्वारा अलग-अलग जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करनाश्, औषधीय पौधों व कोविड-19 के प्रति जागरूक करना, स्वास्थ्य विभाग के साथ गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य कार्यक्रम, लिए नुक्कड़ नाटक आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन के सहयोग से शपथ ग्रहण करवाई जाएंगी।
उन्होंने बताया कि पोषक तत्वों से भरपूर भोजन के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ जैसे कि अनाज, दालें, हरी पत्तेदार सब्जियां व फलों के सेवन बारे जागरूक किया जाएगा। एनिमिया से बचाव के लिए आयरन मुक्त आहार जैसे कि दालें, हरी पत्तेदार सब्जियां, जैसे पालक, मैथी, सरसों, बथुआ व चौलाई आदि व फल, दूध, दही, पनीर आदि का सेवन जरूरी है। इसी प्रकार से खट्टï फल जैसे नींबू, आंवला, अमरूद आदि भोजन में शामिल करने से एनिमिया से बचाव में सहायक हैं। उन्होंने बताया कि डायरिया से बचाव के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता, घरेलू स्वच्छता, खाद्य व स्वच्छ जल तथा स्वच्छता व साफ-सफाई जरूरी है, जिनके बारे में पोषण माह के दौरान महिलाओं को जानकारी दी जाएगी।