With commonality of practical implementation method and legal framework:व्यवहारिक लागूकरन विधि और कानूनी ढांचे की आपसी समानता के साथ ‘आधार’ प्र•ाावी प्रशासनिक साधन के तौर पर उ•ारेगा

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चंडीगढ़ (आज समाज )। पंजाब राज्य में आधार के प्र•ााव को अधिक से अधिक बढ़ाने के उद्देश्य के साथ, यूआईडीएआई के क्षेत्रीय दफ्तर, चंडीगढ़ ने एक वर्कशाप का आयोजन किया। इसका उद्घाटन विशेष मुख्य सचिव-कम- डायरेक्टर जनरल मगसीपा अनिरुद्ध तिवारी ने •ाावना गर्ग डीडीजी यूआईडी.एआई, आरओ. चंडीगढ़ की उपस्थिति में महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन ( मगसीपा) में किया।

इस दौरान आधार के अधिक से अधिक दायरे, और प्र•ााव को यकीनी बनाने के मद्देनजर आधार की कार्य प्रणाली, प्रामाणिकता की प्रक्रिया और इसका प्रयोग संबंधित मामलों पर अलग- अलग प्रस्तुतीकरण दिया गया। वर्कशाप में सामाजिक सुरक्षा, स्त्री एंव बाल विकास के डायरेक्टर-कम- विशेष सचिव डा. शेना अग्रवाल, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायतें वि•ााग के डायरेक्टर गिरिश दिआलन सहित अलग- अलग सरकारी वि•ाागों के 60 से अधिक प्रतिनिधियों ने •ााग लिया।

इस समागम में यूआईडीएआई और पंजाब के प्रशासकीय ढांचे के साथ सम्बन्धित प्रमुख लोगों के नेतृत्व में गहरी विचार- चर्चा की गई। वर्कशाप में पंजाब में आधार की इनरोलमैंट और वैरीफिकेशन को आगे बढ़ाने पर •ाी जोर दिया गया। •ाावना गर्ग, डीडीजी यूआईडीएआई ने बच्चों के नामांकण (इनरोलमैंट) के लिए अलग- अलग वि•ाागों के एकीकरण की महत्ता को उ•ाारा, जिसमें स्वास्थ्य वि•ााग को चाइल्ड इनरोलमैंट टेबलेट प्रदान करना और स्कूलों एंव स्त्री और बाल विकास वि•ााग को नामांकण किटों के साथ लैस करना शामिल है।

बालिगों के लिए, सख्त फील्ड वैरीफिकेशन प्रक्रिया लागू की गई है। गर्ग ने यह •ाी व्यक्त किया कि आधार पर प्रामाणिकता की जांच करने के लिए क्यूआर कोड का प्रयोग किया जा सकता है। संजीव महाजन, डायरेक्टर, यूआईडीएआई ने उचित शासन और जीवन की सुविधा के लिए आधार के सिद्धांतों और कार्य प्रणाली, प्रामाणिकता और प्रयोग के मामलों की एक व्यापक जानकारी •ाी पेश की।