Windfall Tax Scrapped: केंद्र सरकार ने विंडफॉल टैक्स को समाप्त कर दिया है। बता दें यह कर 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों को ध्यान में रखते हुए लगाया गया था। इसका उद्देश्य तेल कंपनियों के अप्रत्याशित मुनाफे पर नियंत्रण रखना और सरकारी राजस्व बढ़ाना था।
पहली बार 1 जुलाई 2022 को लागू किया गया था। घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल, पेट्रोल, डीजल और विमानन ईंधन (ATF) के निर्यात पर लगाया गया। तेल कंपनियों के अधिक मुनाफे पर कर लगाकर सरकार का राजस्व बढ़ाना और घरेलू बाजार में ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
30 महीने बाद हटाया
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के चलते अब इस टैक्स को समाप्त कर दिया गया। इसका औपचारिक ऐलान वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्य सभा में किया।
तेल कंपनियों को बड़ी राहत
सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियां जैसे ONGC और Reliance Industries अब इस टैक्स से मुक्त हो गई हैं। निर्यात पर लगने वाला यह शुल्क हटने से कंपनियों की मुनाफे की संभावना बढ़ेगी।
विंडफॉल टैक्स क्यों लगाया जाता है?
जब वैश्विक बाजार में कच्चे तेल और उसके उत्पादों की कीमतें घरेलू बाजार से अधिक हो जाती हैं, तो कंपनियां निर्यात को प्राथमिकता देती हैं। इसका असर घरेलू आपूर्ति और कीमतों पर पड़ सकता है। इसे नियंत्रित करने के लिए विंडफॉल टैक्स लगाया जाता है।