प्रदेश के इस सीनियर नेता को इस बार मिल रही कठिन चुनौती
ऐसा नेता जो शिअद और कांग्रेस सरकार में बना वित्त मंत्री, इस बार भाजपा से आजमा रहा किस्मत
Punjab Political News (आज समाज), गिद्दड़बाहा : पंजाब की राजनीति एक अलग तरह की है। यहां के लोगों का वोट करने का तरीका भी निराला है। ये कब किस नेता को फर्श से अर्श पर पहुंचा दें कोई नहीं बता सकता। पंजाब में जहां दशकों तक शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस की सरकारों ने बारी-बारी से सत्ता संभाली तो वहीं पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदेश के लोगों ने इन दोनों को सिरे से नकारते हुए आम आमदी पार्टी को प्रचंड बहुमत देते हुए 117 में से 92 सीट उनकी झोली में डाल दीं। अब एक बार फिर से चार विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रहे हैं। जिनका अपना विशेष महत्व है।
गिद्दड़बाहा बनी होट सीट
इस बार चारों विधानसभा सीट में से गिद्दड़बाहा सबसे होट सीट बन रही है। इस सीट पर प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल इस बार भाजपा से अपना भाग्य आजमा रहे हैं तो वहीं कांग्रेस ने अमृता वडिंग को अपना प्रतिनिधि बनाया है। हालांकि सभी पार्टियों के प्रत्याशी मजबूत हैं लेकिन इस विधानसभा सीट से मनप्रीत सिंह बादल का पुराना रिश्ता है। मनप्रीत बादल शिअद में रहते हुए गिद्दड़बाहा का चार बार विधायक रह चुके हैं। मनप्रीत 1995 से 2010 तक गिद्दड़बाहा से विधायक रहे हैं। जबकि 2017 से 2022 तक कांग्रेस की तरफ से बठिंडा शहरी हलके से विधायक रहे हैं। मनप्रीत बादल पिछले कई दिनों से गिद्दड़बाहा में लोगों से संपर्क साध रहे हैं।
ऐसे नेता जो दो अलग-अलग पार्टी की सरकार में वित्त मंत्री रहे
मनप्रीत सिंह बादल एक ऐसे नेता है जो शिरोमणि अकाली दल की सरकार के दौरान वित्त मंत्री के पद पर रहे और सके बाद कांग्रेस की सरकार बनने के बाद उसमें भी वित्त मंत्री रहे। लेकिन इस बार मनप्रीत सिंह बादल की राह थोड़ी सी कठिन है। उसका कारण है उनकी मौजूदा पार्टी। दरअसल प्रदेश के लोगों में भाजपा को लेकर पिछले कई साल से गुस्सा है। जब केंद्र ने कृषि कानून लागू किए थे तो पंजाब से ही विरोध की चिंगारी उठी थी। बाद में दिल्ली की सीमाओं पर कई माह तक धरना चलता रहा जिसमें सैकड़ों किसानों की मौत हुई। प्रदेश की जनता इस सभी के लिए कहीं न कहीं केंद्र शासित भाजपा को कसूरवार ठहराती रही है। अब देखना यह होगा की क्या प्रदेश की जनता मनप्रीत सिंह बादल को अपना वोट देती है या फिर उनकी पार्टी को ध्यान में रखते हुए वोट करेगी।
पंजाब में भाजपा हो रही मजबूत
पंजाब में विरोध के बावजूद भाजपा सही दिशा में आगे बढ़ रही है। इसका ताजा उदाहरण लोकसभा चुनाव हैं। इन चुनाव में भाजपा ने प्रदेश में पहली बार बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ा और अपना एक अच्छा खासा वोट बैंक भी तैयार कर लिया। अब भाजपा 2027 विधानसभा चुनाव को देखकर प्रदेश में खुद को तैयार कर रही है।
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