सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में दिल्ली कूच करने पहुंचे किसानों को प्राधिकरण ने दिया आश्वासन
Farmer Protest Update (आज समाज), नई दिल्ली : लंबित मांगों को पूरा करवाने के लिए सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में हजारों किसानों ने अपने वाहनों सहित दिल्ली की तरफ कूच किया। इस दौरान किसानों को महामाया फ्लाईओवर के पास नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेस वे साढ़े तीन घंटे बंद रहा। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान करीब 5 हजार पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई और बैरिकेंडिंग करके किसानों को रोका गया।
दूसरी तरफ किसान भी किसी तरह के संघर्ष के मूढ़ में दिखाई नहीं दिए। इस दौरान प्राधिकरण और पुलिस-प्रशासन के साथ लंबी बातचीत के बाद किसानों ने सात दिन तक दिल्ली कूच नहीं करने का फैसला किया। इस दौरान, किसान दलित प्रेरणा स्थल पर ही धरना देंगे। उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो फिर वे दिल्ली कूच करेंगे।
ये हैं किसानों की मुख्य मांगें
किसानों की मांगें नोएडा-ग्रेनो और यमुना प्राधिकरण से जुड़ी हैं। किसान 10 प्रतिशत आबादी भूखंड, 64.7 फीसदी अधिक मुआवजा और 2013 के नए भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभ दिए जाने की मांग कर रहे हैं। किसान अतिक्रमण के नाम पर बुलडोजर पर रोक, भूमिधर, भूमिहीन किसानों के सभी बच्चों को रोजगार और पुनर्वास के लाभ दिए जाने और उनकी आबादी का निस्तारण करने की मांग भी कर रहे हैं। उनका कहना है, केंद्र या राज्य सरकार से उनका कोई टकराव नहीं है।
सात दिन में मांगें पूरी नहीं हुई तो क्या होगा
किसानों की मांगे यदि सात दिन में पूरी नहीं होती तो वे दोबारा दिल्ली कूच करेंगे। दूसरी तरफ पंजाब के किसान भी 6 दिसंबर से दिल्ली कूच की तैयारी कर चुके हैं। ऐसे में देखना यह होगा कि एक सप्ताह बाद केंद्र सरकार किसानों की मांगें हल करती है या फिर किसान एक बार फिर से राजधानी में आकर अपने हकों की हुंकार भरते हैं।
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