बोले- राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को लेंगे साथ
Haryana News (आज समाज) जींद: जिले की उचाना विधानसभा में आज हरियाणा के पूर्व पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पहुंचे। जहां उन्होंने एक सभा को संबोधित किया। इस दौरान दुष्यंत चौटाला ने राज्यसभा चुनाव को लेकर कहा कि एक राज्यसभा उम्मीदवार के लिए प्रदेश की सीटों पर या तो दस प्रतिशत या कम से कम 10 प्रपोजल चाहिए। राज्यसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि वह भूपेंद्र सिंह हुड्डा सारी कांग्रेस के विधायकों और बलराज कुंडू से निवेदन करेंगे कि सभी एकत्रित हो। सामाजिक तौर पर कोई एक उम्मीदवार को चुने। प्रपोजल और सैकेंडर प्रपोजल में सबसे पहला नाम दुष्यंत चौटाला, नैना चौटाला का होगा। इनमें दम नहीं है, फिर फार्म हम भरना शुरू करते हैं। उचाना पहुंचे दुष्यंत चौटाला ने जेजेपी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते नीट परीक्षा की जांच को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसकी सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज के अंडर जांच हो। क्योंकि इसके अंदर एक एपीक सेंटर हरियाणा भी रहा है। कांग्रेस, बीजेपी इस मामले को दबाने चाह रही हैं। उचाना से विधान सभा चुनाव लड़ने को लेकर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उन्हें न तो पहले कोई शक था और न ही अब किसी तरह का शक है। वह स्पष्ट बता देना चाहते हैं कि उचाना हलके से ही वो चुनाव लड़ेंगे। जो जिम्मेदारी उचाना की जनता ने दी है मजबूती से निभाई है आगे भी जो जिम्मेदारी मिलेगी उसे निभाएंगे। भाजपा के साथ जाने का लोकसभा चुनाव में नुकसान के सवाल पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जो परिस्थतियां आई, जो नतीजे आए बिल्कुल उससे लगता है कि उनका नुकसान हुआ है। लोकसभा के चुनाव के परिणामों के बाद जल्द जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं से चर्चा की जाएगी। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हमारे खिलाफ 2019 से दुष्प्रचार किए जाते रहे। विरोधी दुष्प्रचार करने में कामयाब हुए।
हार से कार्यकर्ताओं को मायूस होने की जरूरत नहीं
उन्होंने कहा कि इस चुनाव में मुकाबला मुख्य रूप से दो राष्ट्रीय दलों में रहा। चुनाव में हार-जीत सिक्के के दो पहलु रहे है। जो-जो काम गांवों में हुए हैं, उन कामों को बारे में लोगों को बताने का काम करें। आपस में एक-दूसरे की टांग खिंचाई न करें।दुष्यंत ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हार से कार्यकर्ताओं को मायूस होने की जरूरत नहीं है। विधान सभा चुनाव की तैयार में जुटे। 1984 में कांग्रेस ने प्रदेश की 10 की 10 सीटें जीती थी। उस समय स्व. देवीलाल ही जमानत बचाने में सफल हुए थे। लेकिन उसके बाद हुए विधान सभा चुनाव में लोकदल उभकर सामने आई। उन्होंने कहा कि कार्यकतार्ओं को हर व्यक्ति तक जाना होगा।