अमेरिकी राष्ट्रपति ने दो अप्रैल से की है भारत के उत्पादों पर पारस्परिक टैरिफ लगाने की घोषणा
US tariffs on India (आज समाज), नई दिल्ली। आजकल देश के उद्योग जगत में जिस बात की सबसे ज्यादा चर्चा है वह है अमेरिकी राष्ट्रपति का संसद में दिया गया बयान। संसद में अपने पहले ही संबोधन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ अपने रिश्तों व भारतीय उत्पादों पर टैरिफ को लेकर बड़ा बयान दिया। संसद में ट्रंप ने कहा कि वह आगामी दो अप्रैल से भारत के साथ पारस्परिक शुल्क लगाएगा। फैसले को लागू करने में ट्रंप प्रशासन की तत्परता को देखते हुए भारत के साथ पारस्परिक शुल्क को लागू करना तय माना जा रहा है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि भारत अमेरिका से आने वाले औद्योगिक वस्तुओं के शुल्क को कम कर देता है या खत्म कर देता है, तो इससे भारतीय निर्यात में ही बढ़ोतरी होगी।
वर्तमान में इतना होता है निर्यात
भारत लगभग 80 अरब डॉलर का अमेरिका को निर्यात करता है और अमेरिका लगभग 40 अरब डॉलर का करता है तो अमेरिका की कोशिश होगी कि व्यापार बढ़ाकर इस अंतर को कम किया जाए और शुल्क वसूली से होने वाली दोनों देशों की कमाई में भी अंतर नहीं रहे। ऐसे में भारत अमेरिका से पहले की तुलना में पेट्रोलियम पदार्थों का अधिक आयात कर सकता है।
कृषि संबंधी सामान पर सबसे ज्यादा टैरिफ
कृषि संबंधित आइटम पर भारत औसतन 37 प्रतिशत शुल्क वसूलता है, लेकिन किसानों से जुड़े होने के नाते कृषि आइटम से जुड़े शुल्क को कम करना मुश्किल दिख रहा है। विशेषज्ञ पारस्परिक शुल्क को दो तरह से लागू करने की बात कह रहे हैं। एक तरीका यह होगा कि मान लीजिए कृषि आइटम पर भारत औसतन 37 प्रतिशत शुल्क वसूलता है और अमेरिका अभी पांच प्रतिशत शुल्क लेता है। आइटम के आधार पर पारस्परिक शुल्क वसूलने पर अमेरिका भी भारत के कृषि आइटम पर औसतन 37 प्रतिशत का शुल्क वसूलेगा।
भारत को होगा 61 हजार करोड़ रुपए का सालाना नुकसान
यदि ऐसा होता है तो एक अनुमान के अनुसार भारत को हर सल 61 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा। मेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पारस्परिक शुल्क की धमकी से वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध छिड़ने की आशंकाओं बीच भारत अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के तहत चुनौती का सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने की कोशिश कर रहा है। मामले से परिचित लोगों ने वाशिंगटन में 13 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ट्रंप द्वारा व्यक्त की गई प्रतिबद्धता का हवाला देते हुए कहा कि भारत को समाधान खोजने का भरोसा है।
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