शरीर को काम करने के लिए एनर्जी की जरूरत होती है जो भोजन से प्राप्त होती है। दरअसल जब आप भोजन करते हैं तो आपके पाचन तंत्र में पहुंचते ही आपका भोजन ग्लूकोज यानी एनर्जी के रूप में कन्वर्ट हो जाता है। खाने को एनर्जी के रूप में बदलने की प्रक्रिया के बीच पेट भरा हुआ महसूस कराने वाले हार्मोन जैसे कोलेलिस्टोकिनिन, ग्लूकाजन और एमाइलिन रिलीज होते हैं। ये हार्मोन दिमाग में झपकी का सिग्नल देते हैं, जिससे व्यक्ति को आलस आता है और सोने का मन करता है।
हाई प्रोटीन वाले फूड जैसे हाई पनीर, पालक, टोफू, सोया, अंडे आदि में ट्रिप्टोफैन अमीनो एसिड पाया जाता है। फूड में ट्रिप्टोफैन जितना ज्यादा होगा, शरीर में नींद को रेग्युलेट करने वाला सेरोटोनिन का लेवल बढ़ेगा। सेरोटोनिन का स्तर बढ़ने से नींद आना निश्चित है।
हर व्यक्ति के लिए 8 से 9 घंटे की नींद जरूरी होती है। रात की पूरी नींद आपको दिनभर की एनर्जी देती है। लेकिन अगर आप किसी कारण से रात में नींद पूरी नहीं कर पाए हैं तो दिन में आप पर आलस हावी रहेगा और नींद आएगी। ऐसे में खाना खाने के बाद नींद बहुत तेज आती है और काम करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए रोजाना पूरी नींद लेने की आदत डालें।
डायबिटीज, थायराइड, एनीमिया आदि कुछ मेडिकल कंडीशन भी अत्यधिक थकान महसूस होने और नींद आने की वजह हो सकती हैं। भोजन में हाई शुगर का सेवन करने से भी नींद काफी आती है और कई बार कुछ दवाओं की वजह से भी नींद और आलस शरीर पर हावी होता है। भोजन करने के बाद नींद और तेज आने लगती है।