नई दिल्ली। केंद्र सरकार की नई नीति के अनुसार डाक्टरों के लिए क्वारंटाइन समय 14 दिन को खत्म करने पर डाक्टर आरूषि जैन की याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 के खिलाफ जंग में पहली कतार के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 14 दिन के क्वारंटाइन की अनिवार्यता खत्म करने संबंधी नई व्यवस्था पर केन्द्र सरकार से जवाब तलब किया है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने डॉक्टर आरूषि जैन की याचिका की सुनवाई की। केन्द्र की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता को अगले सप्ताह तक जवाब दाखिल करने को कहा गया। आज पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने की अनुमति दी जाती है। सालिसीटर जनरल के अनुरोध पर इस मामले को अगले सप्ताह सूचीबद्ध किया जाए ताकि वह इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल कर सकें। अधिवक्ता मिट्ठू जैन और अर्जुन स्याल के माध्यम से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने 15 मई को अस्पताल के कोविड-19 और गैर कोविड-19 क्षेत्र में काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों के प्रबंधन के बारे में परामर्श जारी किया है। इसमें स्वास्थ्यकर्मियों के लिये एहतियाती उपायों, एकांतवास और पृथकवास के बारे में प्रावधान किया गया है। आरूषि जैन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने बहस की। उन्होंनेकहा कि सरकारी अस्पतालों में सात से 14 दिन की ड्यूटी पूरी करने वाले रेजीडेन्ट चिकित्सकों के लिए पृथकवास की व्यवस्था की अपेक्षा की जाती है।