नई दिल्ली। कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने जम्मू-कश्मीर के गिरफ्तार डीएसपी दविंदर सिंह को लेकर सरकार पर निशाना साधा। केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा कर राहुल गांधी ने बड़ा हमला बोला और ट्वीट कर लिखा कि आतंकी डीएसपी दविंदर को चुप कराने का सबसे अच्छा तरीका है, मामले की जांच को एनआईए को सौंप देना। गौरतलब है कि डीएसपी दविंदर को शनिवार को कुलगाम जिले से दो आतंकवादियों और एक वकील के साथ गिरफ्तार किया गया था। राहुल गांधी ने आगे ट्वीट में कहा है कि एनआईए के मुखिया एक और मोदी हैं – वाई के मोदी, जिनहोंने गुजरात दंगे और हरेन पांड्या की मर्डर की जांच की थी। वाई के मोदी की वजह से केस शांत हो चुका है, कौन चाहता है आतंकी दविंदर को शांत करना, क्यों? वहीं दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट किया डीएसपी की गिरफ्तारी से परेशान करने वाले सवाल खड़े हुए हैं जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह बहुत अजीब लगता है कि वह न सिर्फ शिनाख्त किए जाने से बचा, बल्कि वह मौजूदा हालात में जम्मू-कश्मीर में विदेशी राजनयिकों के दौरे के समय उनके साथ रहने जैसे महत्वूपर्ण संवेदनशील ड्यूटी में लगाया गया। उन्होंने सवाल किया, वह किसके निदेर्शों पर काम कर रहा था? कांग्रेस महासचिव ने कहा, ”पूरी जांच होनी चाहिए। भारत के खिलाफ आतंकी हमले के षड्यंत्र में मदद करना देशद्रोह है। वहीं दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर डीएसपी रहे दविंदर सिंह से ‘शेर-ए-कश्मीर’ का पदक छीन लिया गया है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने निलंबित पुलिस अधिकारी से यह पदक वापस लिया है। पुलिस की ओर से डीएसपी दविंदर को 2018 में स्वतंत्रता दिवस पर जम्मू कश्मीर राज्य द्वारा सिंह को दिए गए वीरता पदक को वापस लेने की भी सिफारिश की है। उन्होंने जोर दिया कि पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी क्योंकि हम ऐसे लोगों को आश्रय या सुरक्षा देने में विश्वास नहीं करते हैं जिनकी बल, राष्ट्र और अपने लोगों के प्रति कोई निष्ठा नहीं है। आतंकी की सहायता करने वाले डीएसपी के खिलाफ जांच कर रही एनआईए के महानिदेशक वाईसी मोदी ने बुधवार को गृह सचिव अजय कुमार भल्ला से मुलाकात की है। माना जा रहा है कि उन्होंने पूरे मामले में जांच की प्रगति को लेकर गृहसचिव को जानकारी दी है।