Aaj Samaj (आज समाज), WHO Update On Covid, न्यूयॉर्क: कोविड-19 के कारण वैश्विक जीवन प्रत्याशा यानी लाइफ एक्सपेक्टेंसी में औसतन लगभग 2 साल की कमी आ गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी है। जीवन प्रत्याशा या लाइफ एक्सपेक्टेंसी उन अतिरिक्त वर्षों की औसत संख्या का अनुमान है जो एक निश्चित उम्र का व्यक्ति जीने की उम्मीद कर सकता है।
सावधानी बरतने की अपील
डब्ल्यूएचओ की हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना का खतरा अभी भी थमा नहीं है और एक्सपर्ट्स ने सभी लोगों से अब भी सावधानी बरतने की अपील की है। वैश्विक स्तर पर कोरोना को 4 साल से अधिक हो गए हैं और इस दौरान इसके वैरिएंट्स में कई बार म्यूटेशन हुआ व संक्रमितों में हल्के से गंभीर स्तर के लक्षण सामने आए। रिपोर्ट्स के मुताबिक वायरस में एक बार फिर से म्यूटेशन हुआ है, जिससे उत्पन्न नया सब-वैरिएंट कई देशों में संक्रमण बढ़ाता दिख रहा है। सिंगापुर की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां 2 हफ्तों में ही कोरोना के मामलों में 90% से अधिक की वृद्धि रिपोर्ट की गई है।
2012 में भी इसी के आसपास थी जीवन प्रत्याशा
डब्ल्यूएचओ के अनुसार कोविड के कारण वैश्विक जीवन प्रत्याशा 1.8 वर्ष गिरकर अब 71.4 वर्ष रह गई है। 2012 में भी जीवन प्रत्याशा इसी के आसपास थी। शोधकर्ताओं ने बताया कि पिछली आधी सदी में किसी भी अन्य घटना की तुलना में कोविड-19 ने संपूर्ण स्वास्थ्य और जीवन प्रत्याशा पर सबसे गहरा प्रभाव डाला है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेबियस ने कहा कि ये आंकड़े वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करने और स्वास्थ्य के क्षेत्र में दीर्घकालिक निवेश को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डालते हैं।
जीवन प्रत्याशा में पहले देखा जा रहा था सुधार
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा, पिछले एक दशक में लाइफ एक्सपेक्टेंसी में बेहतर सुधार देखा जा रहा था। संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कोविड-19 महामारी ने संपूर्ण स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, संक्रमण के कारण लोगों में कई प्रकार की बीमारियां भी विकसित होती देखी गई हैं। इन परिस्थितियों ने लाइफ एक्सपेक्टेंसी को बड़ा नुकसान पहुंचाया है।
महामारी के दौरान कोविड-19 मृत्यु का प्रमुख कारण
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा महामारी के दौरान कोविड-19 मृत्यु का प्रमुख कारण रहा है। 2020 में विश्व स्तर पर यह मृत्यु का तीसरा सबसे बड़ा कारण और 2021 में दूसरा प्रमुख कारण रहा। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) जैसे कि इस्केमिक हृदय रोग और स्ट्रोक, कैंसर, क्रॉनिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, अल्जाइमर रोग-डिमेंशिया और मधुमेह के कारण भी बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई।
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