WHO Report: दुनियाभर में छह में से एक कपल बांझपन की समस्या से परेशान

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WHO Report
विश्व में बांझपन की समस्या से परेशान छह में एक कपल

Aaj Samaj (आज समाज), WHO Report, न्यूयॉर्क: दुनियाभर में छह में से एक कपल (दंपति) बांझपन यानी संतान न होने जैसी प्रजनन संबंधी समस्याओं से परेशान है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है जो गंभीर चिंता का विषय है। रिपोर्ट्स का कहना है कि समय के साथ इस समस्या का जोखिम और भी बढ़ता दिख रहा है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि बांझपन कई प्रकार की सामाजिक नकारात्मकता को भी बढ़ाने वाली समस्या हो सकती है।

  • चिकित्सीय चिंता ही नहीं यह सामाजिक समस्या भी

लगभग 17.5 फीसदी वयस्क आबादी में जोखिम

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया की लगभग 17.5 फीसदी वयस्क आबादी में यह जोखिम देखा जा रहा है, जिसके बारे में सभी लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत पर जोर दिया गया है। पुरुषों या महिलाओं में बांझपन जटिल और भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है जो लोगों पर गहरा प्रभाव डालती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार यह जानना महत्वपूर्ण है कि बांझपन केवल एक चिकित्सीय चिंता नहीं, बल्कि इसके कारण सामाजिक रूप से भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

पुरुष और महिला दोनों हो सकते हैं बांझपन का शिकार

विशेषज्ञों का कहना है कि बांझपन की समस्या किसी में भी हो सकती है, पुरुष और महिला दोनों इसके शिकार हो सकते हैं। कई प्रकार की लाइफस्टाइल और आहार संबंधी गड़बड़ी के कारण यह जोखिम तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। अमेरिकी महिलाओं पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि निष्क्रिय जीवनशैली और अधिक वजन होने से बांझपन का खतरा बढ़ सकता है।

पुरुषों व महिलाओं दोनों में देखे जा रहे दुष्प्रभाव

शरीर का वजन अधिक होने के कारण कई प्रकार की अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं का भी जोखिम अधिक हो सकता है, जो प्रजनन विकारों को बढ़ाने और बांझपन का कारण बन सकती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि बांझपन के खतरे को बढ़ाने के लिए शराब का सेवन भी बड़ा जोखिम हो सकता है। इसके दुष्प्रभाव पुरुषों व महिलाओं दोनों में देखे जा रहे हैं। धूम्रपान प्रजनन उपचार की संभावित प्रभावशीलता को भी कम कर देता है। इसके अलावा धूम्रपान करने वाली महिलाओं में गर्भपात की आशंका भी अधिक देखी जाती है। शराब को भी प्रजनन विकारों को बढ़ावा देने वाला पाया गया है। पुरुषों में शराब के सेवन से शुक्राणुओं की संख्या व गतिशीलता कम हो सकती है।

रोकथाम व निदान पर फोकस की आवश्यकता

बांझपन, पुरुष या महिलाओं में प्रजनन प्रणाली की बीमारी है, जो 12 महीने या उससे अधिक समय तक नियमित यौन संबंध के बाद भी गर्भधारण न कर पाने का कारण बनती है। बांझपन की रोकथाम, निदान और उपचार को लेकर गंभीरता से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। बांझपन के जोखिमों के कारण ही वैश्विक स्तर पर इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) जैसी सहायक प्रजनन तकनीक में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

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