सबसेपहले बजट मेंकोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई की ओर विशेष ध्यान देते हुए इससेनिपटने के लिए कोरोना वैक्सीन के लिए 35000 करोड़ का एलान किया। सरकार की ओर सेवित्तमंत्री ने कोरोना के खिलाफ बड़ी रकम का एलान किया साथ ही यह भी बताया कि जल्दी ही कोरोना की दो और वैक्सीन देश में उपलब्ध होगी। वित्तमंत्री बोलीं, मैंने 2021-22 के लिए कोविड-19 टीकों के वास्ते 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। मैं जरूरत पड़ने पर और धन देने की प्रतिबद्धता जताती हूं। उन्होंने कहा कि भारत पहले ही कोविड-19 के दो टीकों के इस्तेमाल की मंजूरी दे चुका है और देश में जल्द ही दो और टीकों को टीकाकरण अभियान में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा जो फायदे वाली बात है वह यह कि बीमा सेक्टर में एफडीआई की बढ़ाकर सरकार ने विदेशी कंपनियोंको भारत में निवेश के लिए आकर्षित किया है। सरकार नेआज के आम बजट में बीमा क्षेत्र में एफडीआईकी सीमा बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। पहले यह प्रतिशत 49 प्रतिशत था जिसेअब बढ़ाकर 74 प्रतिशत किया गया है। वित्तमंत्री ने रक्षोपाय के साथ विदेशी भागीदारी तथा नियंत्रण की अनुमति के लिए बीमा अधिनियम-1938 में संशोधन का प्रस्ताव किया। आम बजट 2021-22 पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि नए ढांचे के तहत ज्यादातर निदेशक और बोर्ड और प्रबंधन स्तर के अधिकारी निवासी भारतीय होंगे। कम से कम 50 प्रतिशत निदेशक स्वतंत्र निदेशक होंगे। इसके अलावा मुनाफे का एक निश्चित प्रतिशत सामान्य आरक्षित निधि के रूप में रखा जाएगा।
-केंद्र सरकार ने सोना चांदी के संबंध में एलान कर इस पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी को कम किया। इसका मतलब है कि अब सोना-चांदी सस्ता होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट प्रस्तावों में सोने और चांदी पर आयात शुल्क में भारी कटौती का ऐलान किया। वित्त मंत्री सीतारमण ने सोने और चांदी पर आयात शुल्क में 5 फीसदी कम किया गया जिसके बाद अब आयात शुल्क 12.5 फीसदी की बजाय केवल 7.5 फीसदी ही आयात शुल्क सोन पर देना होगा। चुनिंदा लेदर को कस्टम ड्यूटी से हटा दिया गया है। इससे लेदर के प्रोडक्ट सस्ते होंगें।
-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में जानकारी दी कि आने वाले समय में देशमें डिजिटल जनगणना होगी। इसके लिए 3,726 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं और पहली बार देश में डिजिटल जनगणना होगी। वित्त मंत्री ने 2021-22 के लिए आम बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि सरकार एक राष्ट्रीय भाषा अनुवाद पहल पर भी काम कर रही है।
-केंद्र सरकार ने 75 साल या उससे अधिक उम्रके बुजुर्गोको टैक्स नहीं देना होगा। वित्त मंत्री सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के अपने बजट भाषण में यह घोषणा भी की कि केवल पेंशन और ब्याज आय वाले 75 साल से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी। ब्याज का भुगतान करने वाले बैंक अपनी ओर से कर की कटौती कर लेंगे। इसके अलावा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आयकर आकलन मामलों को फिर से खोले जाने की समय सीमा छह साल से घटा कर तीन साल कर दी। इसके साथ ही कर धोखाधड़ी से जुड़े ऐसे गंभीर मामलों में जहां छिपायी गयी आय 50 लाख रुपये या उससे अधिक है, यह अवधि 10 साल होगी।
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