WHO Alert India On Corona: 28 दिन में भारत में मौतों में 114% से ज्यादा का उछाल

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WHO Alert India On Corona
डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 की तकनीकी प्रमुख डॉक्टर मारिया वान केरखोव

आज समाज डिजिटल,WHO Alert India On Corona: भारत में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी चिंता जताई है और साथ ही अलर्ट भी किया है। डब्ल्यूएचओ द्वारा शुक्रवार को जारी महामारी विज्ञान की रिपोर्ट के अनुसार देश में पिछले 15 दिन से तेज गति से संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि छह महीने में पहली बार तीन दिन से लगातार तीन हजार के आसपास लोगों में संक्रमण की पुष्टि की जा रही है। आज यानि 1 अप्रैल को 3000 से थोड़ा कम नए मामले सामने आए नहीं तो इससे पहले तीन दिन से 3000 से ज्यादा हर रोज नए केस दर्ज किए जा रहे थे।

  • 15 दिन से देश में तेज गति से बढ़ते जा रहे संक्रमण के मामले 
  • 6 महीने में पहली बार 3 दिन से लगातार 3000 के आसपास दैनिक 
  • बढ़ते मामलों के लिए एक्सबीबी.1.16 वैरिएंट जिम्मेदार

आज कोरोना के 2,994 नए केस, 9 लोगों की मौत

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार शनिवार सुबह आठ बजे तक बीते 24 घंटों में भारत कोरोना के 2,994 नए केस दर्ज किए गए और इस दौरान 9 लोगों की मौत हो गई। इन मौतों में से दिल्ली, कर्नाटक और पंजाब से दो-दो, गुजरात से एक और केरल में 2 लोगों की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हुई है। इसी के साथ सक्रिय यानी उपचाराधीन मामले 31 मार्च के बजाय शनिवार को बढ़े हैं। शनिवार सुबह आठ बजे तक बीते 24 घंटों में देश में 16,354 सक्रिय केस सामने आए। कोरोना के जिस वैरिएंट (एक्सबीबी.1.16) को बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है, अध्ययनों में उसकी संक्रामकता दर काफी अधिक बताई जाती है।

कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट्स गंभीर रोगों और मृत्यु के कारक नहीं

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 28 दिन में भारत में कोविड-19 से होने वाली मौतों में 114 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। वहीं संक्रमण के आंकड़े में 437 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है। कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट्स को गंभीर रोगों और मृत्यु का कारक नहीं माना जाता रहा है, पर ये आंकड़े चिंता जरूर बढ़ा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र से 27,000 से अधिक नए मामलों की सूचना मिली है, जो पिछले 28 दिनों की अवधि की तुलना में 152 प्रतिशत की वृद्धि है। इसमें भारत में उच्चतम आनुपातिक वृद्धि देखी गई है, जिसके बाद मालदीव (129 प्रतिशत) और नेपाल (89 प्रतिशत) का स्थान है।

संक्रमण के मामलों पर सभी देशों को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत : विशेषज्ञ

इसी तरह भारत से कम से कम 62 मौतों की सूचना है, जिसका मतलब है कि प्रति एक लाख पर एक नई मौत के साथ 114 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के मामलों पर सभी देशों को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है, यह धीरे-धीरे नई चुनौती पैदा करता दिख रहा है। डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 की तकनीकी प्रमुख डॉक्टर मारिया वान केरखोव ने कहा है कि , 22 देशों से ओमिक्रॉन वैरिएंट एक्सबीबी.1.16 के लगभग 800 सीक्वेंस हैं। अधिकांश सीक्वेंस भारत से हैं। एक्सबीबी.1.16 की प्रोफाइलिंग वास्तव में एक्सबीबी.1.5 के समान ही है। स्पाइक प्रोटीन में इसमें एक अतिरिक्त म्यूटेशनल म्यूटेशन जरूर है, जो प्रयोगशाला अध्ययनों में इसकी संक्रामकता में वृद्धि को दर्शाता है।

नौसेना प्रमुख सहित 22 कर्मी कोरोना पॉजिटिव

नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार को कोरोना हो गया है। शनिवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में तीनों सेनाओं की कंबाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस थी और इसमें पीएम मोदी भी शामिल हुए, लेकिन नौसेना प्रमुख की शुक्रवार को कोविड की रिपोर्ट पॉजिटिव आई जिसके बाद वह दिल्ली लौट गए। प्रधानमंत्री मोदी के आने से पहले कॉन्फ्रेंस और उनकी सुरक्षा से जुड़े 1300 कर्मचारियों-अधिकारियों का कोविड टेस्ट हुआ था। इनमें डॉक्टर, सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं। 22 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। सभी को ड्यूटी से हटा दिया गया है। हालांकि किसी में गंभीर लक्षण नहीं हैं।

वैक्सीनेटेड लोगों में नहीं गंभीर लक्षण, एहतियात जरूरी : डॉक्टर श्रेय श्रीवास्तव

ग्रेटर नोएडा के एक अस्पताल में कोविड केयर एक्सपर्ट डॉक्टर श्रेय श्रीवास्तव का कहना है कि एक्सबीबी.1.16 वैरिएंट से संक्रमण के कारण खतरा सिर्फ कोमोरबिडिटी, कमजोर इम्युनिटी और उन लोगों को है जिनका वैक्सीनेशन नहीं हुआ है। वैक्सीनेटेड लोगों को संक्रमण हो भी रहा है तो उनमें गंभीर लक्षण विकसित नहीं हो रहे। डॉक्टर श्रेय ने कहा कि जब तक कोरोना के मामलों में स्पाइक दिख रहा है तब तक सभी लोगों को इससे बचाव के लिए निरंतर कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करते रहने की आवश्यकता है। यही एक तरीका है जिसके माध्यम से संक्रमण की रफ्तार को कम किया जा सकता है।