कोरोना की तीसरी लहर से किन लोगों को सबसे अधिक खतरा है

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कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर की बातें भी सामने आ रही है। कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि तीसरी लहर आना तय है और यह पहले से ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। तीसरी लहर को लेकर अब तक बहुत सरी चचार्एं हो चुकी हैं। ऐसे में तीसरी लहर को लेकर कई तरह का कनफ्यूजन भी है। इसी को देखते हुए विशेषज्ञों की राय पर अमल करना चाहिए।
कुछ लोगों का कहना है कि कोरोना की तीसरी को लेकर बहुत तरह के कनफ्यूजन है। फिर भी यह समझना होगा कि जब कोई महामारी फसर््ट स्टेज से दूसरे स्टेज की ओर जाता है तो उसकी एक नैचुरल हिस्ट्री होती है। लेकिन, जिस तरीके से अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, रूस समेत कुछ भारतीय राज्यों में दूसरी लहर ही नहीं खत्म हुई है। कुछ में तो तीसरी लहर की शुरूआत भी हो चुकी है. तीसरी लहर का आना तो अनिवार्य है, यह हमारे हाथ में नहीं है। अब बात है कि हम इसको किस तरीके से रोक पाएं और कितने संयम से हम रहें ताकि इसके इंटेसिटी को कम किया जा सके। अगर हम सही तरीके से अच्छी आबादी को वैक्सीनेट करने में सफल होते हैं, अगर हम जरूरी प्रोटोकॉल का पालन करें तो इस तरीके से हम थर्ड वेव की इंटेसिटी को कम कर सकते हैं।
दरअसल, मेडिसिन में 100 फीसदी रूल नहीं होता है। वैक्सीन का रिस्पॉन्स भी अलग-अलग है। अभी तक देश और विदेश में जो भी वैक्सीन बनी है, वो कम से कम 80-85 फीसदी तक प्रभावी है। ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौन सी वैक्सीन ले रहे हैं। दूसरी बात ये है कि वैक्सीन लगाए बिना सुरक्षा चाहते हैं तो यह कैसे संभव होगा। सीट बेल्ट के बाद भी गाड़ी चलाते वक्त कई बातों का ध्यान रखना होता है। वैक्सीन लगाने से आईसीयू में भर्ती करने या मृत्यु की नौबत बहुत ही कम है। इसके अलावा ज्यादा लोगों के वैक्सीनेशन से म्यूटेंट बनने के टेंडेंसी भी कम होगी। आपने सुना होगा कि आर वैल्यू इतना चल रहा है। हर तरह के वेव का एक ग्राफ होता है। ये वेव धीरे-धीरे ऊंचाई पर पहुंचता और फिर इसके बाद नीचे आ जाता है। इस हिसाब से देखें तो उस एरिया की एक वेव खत्म हो गई। अब इसी एरिया में एक बार फिर संक्रमण के मामले बढ़ने शुरू हुए और ये बढ़ते ही जा रही है तो इसका मतलब है कि वो वेव अभी जारी है और खत्म नहीं हुई। तो ये तरीका है यह जानने का ये दूसरी लहर ही चल रही है या तीसरी लहर है।