हाईकोर्ट हरियाणा सरकार को दे चुका 1 हफ्ते के अंदर बॉर्डर खोलने के आदेश
Ambala News (आज समाज) अंबाला: पंजाब और हरियाणा के अंबाला व पटियाला के बीच बने शंभू बॉर्डर पर 5 महीने से बैठे किसान दिल्ली कूच करेंगे या नहीं, इसको लेकर फैसला 16 जुलाई को होगा। आंदोलन की अगुआई कर रहे किसान मजदूर मोर्चा के सरवण सिंह पंधेर ने कहा- हरियाणा सरकार बैरिकेड हटाती है तो हमारी तरफ से भी रास्ता बंद नहीं होगा। दिल्ली जाने को लेकर फैसले के लिए 16 को मीटिंग बुलाई गई है। बता दें कि बुधवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर पर की गई बैरिकेडिंग हटाने को कहा। हाईकोर्ट ने कहा कि किसानों की मांगें केंद्र सरकार से हैं। शंभू बॉर्डर पर स्थिति शांतिपूर्ण है। उन्हें दिल्ली जाने की छूट देनी चाहिए। हालांकि हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि शंभू बॉर्डर खोलने से अगर कोई स्थिति बिगड़ती है तो लॉ एंड आॅर्डर मेंटेन करने के लिए हरियाणा सरकार कार्रवाई को लेकर स्वतंत्र है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि हम लोकतंत्र में रह रहे हैं। किसानों को हरियाणा में घुसने से नहीं रोक सकते। उन्हें घेराव करने दें। यह प्रतिक्रिया तब आई, जब हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि बॉर्डर पर 400-450 प्रदर्शनकारी हैं। अगर बॉर्डर खोला तो वे अंबाला एसपी का कार्यालय घेर सकते हैं। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि वदीर्धारी लोगों को इससे डरना नहीं चाहिए।
शुभकरण की मौत की जांच के लिए एसआईटी बनाई
वहीं खनौरी बॉर्डर पर किसान शुभकरण की मौत के मामले में हाईकोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ। हाईकोर्ट ने किसान यूनियनों को कहा कि एफएसएल रिपोर्ट के मुताबिक शुभकरण की मौत शॉट गन से हुई है। पुलिस शॉट गन का इस्तेमाल नहीं करती। ऐसा लगता है कि गोली किसानों की तरफ से चलाई गई हो। हाईकोर्ट ने कहा कि उस दिन की फुटेज चैक की जानी चाहिए ताकि पता चल सके कि शॉटगन किसके पास थी। हरियाणा सरकार के वकील दीपक सब्बरवाल ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नर झज्जर सतीश बालन की अगुआई में किसान शुभकरन की मौत की जांच को लेकर एसआईटी बनाई गई है। हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में यह भी तर्क दिया कि किसानों ने स्पेशल फोर्स बना रखी थी।