नयी दिल्ली। एम्स और सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल के हड़ताली डॉक्टरों के प्रति एकजुटता प्रकट की है। एलएनजेपी के डॉक्टर एक मरीज के तीमारदारों द्वारा मेडिकल के छात्र से कथित मारपीट की घटना के बाद हड़ताल पर चले गए। एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री को मामले में हस्तक्षेप करने और डॉक्टरों की सुरक्षा चिंताओं के समाधान का अनुरोध किया है ताकि वे मरीजों की देखभाल कर सकें। दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एलएनजेपी अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने दावा किया है कि मौलाना आजÞाद मेडिकल कॉलेज के तृतीय वर्ष के एक छात्र पर कल रात आपात सेवा में कथित हमला किए जाने के बाद हड़ताल की गई है।
एलएनजेपी आरडीए के अध्यक्ष सैकत जेना ने आरोप लगाया कि ईआर विभाग में एक मरीज लाया गया था, बाद में कुछ जटिलताओं के चलते उसकी मृत्यु हो गई। उसके एक रिश्तेदार ने वहां मौजूद डॉक्टरों में से एक पर हमला कर दिया। एलएनजेपी और एमएएमसी में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को चिंताजनक बताते हुए एम्स आरडीए ने कहा है कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है । बयान में कहा गया कि पिछले 10 दिनों में इस तरह की कई घटनाएं होने के कारण ऐसे अशांत माहौल में काम करना बहुत कठिन हो गया है । बयान में कहा गया, ‘‘सरकार डॉक्टरों को सुरक्षा और इंसाफ दिलाने में नाकाम रही है। एम्स आरडीए इस घटना की निंदा करता है।’’ अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि सुबह से शुरू हुई हड़ताल के तहत नियमित और आपात सेवाएं अभी बंद हैं जिससे एलएनजेपी में मरीजों पर असर पड़ा है । चिकित्सा अधीक्षक डॉ. किशोर सिंह ने कहा कि प्रमुख मांग आपातकालीन विभाग में मार्शल्स तैनात करने सहित सुरक्षा बढ़ाने की है।