एक अप्रैल से शुरू होगी गेहूं की खरीद, तैयारी पूरी : एसडीएम
आज समाज डिजिटल, जींद
Wheat Procurement Start: दिनोंदिन बढ़ रहे तापमान से खेतों में पीला सोना पक कर तैयार हो रहा है। गेहूं की सरकारी खरीद 1 अप्रैल से शुरू होगी। खरीद को लेकर प्रशासन द्वारा व्यापक प्रबंध कर लिए है। बीते साल उचाना मंडी, छातर सब यार्ड, घोघडिय़ा, काब्रच्छा परचेज सेंटर पर 11 लाख 87 हजार 589 क्विंटल गेहूं की खरीद हुई थी।
मंडी में तीन दिन हैफेड गेहूं की खरीद करेंगी हैफेड
मंडी में इस बार सोमवार को हैफेड, मंगलवार को वेयर हाऊस, बुधवार को हैफेड, गुरूवार को खाद्य आपूर्ति विभाग, शुक्रवार को हैफेड, शनिवार को खाद्य आपूर्ति विभाग गेहूं की खरीद करेगा। घोघडिय़ा, छातर सब यार्ड पर हैफेड गेहूं की खरीद करेंगी तो काब्रच्छा में वेयर हाऊस द्वारा गेहूं की खरीद की जाएगी। एसडीएम डा. राजेश खोथ ने कहा कि गेहूं की खरीद को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। किसान को खरीद में किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी।
सूखी, साफ गेहूं मंडी लेकर आए किसान
किसान सूखी, साफ गेहूं मंडी लेकर आए। नमी वाली गेहूं मंडी में न लेकर आए, क्योंकि जो सरकार द्वारा नमी निर्धारित की गई उसके अनुसार गेहूं की खरीद होगी। साफ, बिना नमी वाली गेहूं मंडी में आते ही खरीदी जाएगी। इसलिए किसान भी पूरा सहयोग प्रशासन का करें। बिना नमी, सुखी गेहूं लेकर मंडी पहुंचे। उन्होंने कहा कि आढ़ती भी किसानों को सुखी, बिना नमी वाली गेहूं मंडी लेकर आने के लिए प्रेरित करें। मंडी में आने वाले किसानों के लिए पीने के पानी, साफ सफाई सहित अन्य जो-जो सुविधाएं फसल की खरीद संबंधित देनी होती है वो सभी पूरी है। किसान की फसल मंडी में आते ही बिके ताकि वो अपनी फसल बेचकर घर वापिस जा सकें ऐसी व्यवस्था खरीद के दौरान की जाएगी।
सात गुणा अधिक मंडी पहुंची सरसों
सरसों में मंडी आवक दिनों-दिन बढ़ रही है। सरकारी भाव से अधिक सरसों के भाव प्राइवेट बोली पर किसानों को मिलने से किसानों के चेहरे खिले नजर आ रहे है। 5887 रुपए से 6687 रुपए प्रति क्विंटल तक के भाव सरसों की फसल के मंगलवार को रहे। मार्केट कमेटी में दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार अब तक 36,580 क्विंटल सरसों की फसल आ चुकी है। बीते साल अब तक 5581 क्विंटल सरसों मंडी आई थी। इस साल अब तक 30 हजार से अधिक क्विंटल सरसों मंडी आ चुकी है।
किसान रामकुमार, प्रताप, सुरेंद्र, बलवान ने कहा कि सरसों के भाव इस बार सीजन की शुरूआत से ही किसानों को सरकारी भाव से अधिक मिल रहे है। सरसों की फसल मंडी में आते ही बिक जाने से किसान घर वापिसी उसी दिन चले जाते है। सरसों की फसल इस बार किसानों के लिए फायदेमंद रही है। इस फसल पर खर्चा भी कम होता है। मार्केट कमेटी सचिव नरेंद्र कुंडू ने बताया कि इस बार बीते साल की अपेक्षा 30 हजार क्विंटल से अधिक सरसों की फसल मंडी आई है। किसानों को किसी तरह की परेशानी सरसों की फसल को बेचने में किसानों को नहीं आने दी जा रही है।