Monsoon Fever vs Dengue : बारिश के मौसम में कई तरह की बीमारियों का खतरा रहता है. इस मौसम में पानी और नमी के कारण बैक्टीरिया तेजी से पनपने हैं, जो लोगों को बीमार बनाते हैं. इस मौसम में मानसून फीवर यानी नॉर्मल फ्लू और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा होता है. बहुत से लोग नॉर्मल फ्लू और डेंगू फीवर को लेकर कंफ्यूज होते हैं. जिसकी वजह से सही समय पर सही इलाज नहीं मिल पाता है और परेशानियां गंभीर बन सकती हैं.
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मानसूनी बुखार और डेंगू दोनों में शरीर में दर्द, थकान या कमजोरी हो सकती है. हालांकि, इसके अलग-अलग लक्षणों से आसानी से पहचान (Monsoon Fever and Dengue Difference) हो सकती है. ऐसे में आइए जानते हैं मानसून फीवर और डेंगू में क्या अंतर हैं…
वायरल हेपेटाइटिस के कारण बुखार, पेट में दर्द, मतली, उल्टी, भूख में कमी और पेशाब तथा आंखों का रंग पीला हो सकता है. डेंगू बुखार मानसून से जुड़ी एक और आम बीमारी है जो तेज बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, चकत्ते और कुछ मामलों में उल्टी के साथ हो सकती है.
मानसून फीवर यानी नॉर्मल फ्लू के लक्षण
1. मानसूनी बुखार आमतौर पर 5-7 दिनों तक रहता है.
2. कमजोर इम्युनिटी वाले इस बुखार की की चिपेट में जल्दी आ जाते हैं.
3. सर्दी, खांसी, गले में खराश और थकान जैसी समस्याएं होती हैं.
4. सही दवा और आराम के बाद 1 हफ्ते के अंदर ही अपने आप ठीक हो जाती हैं.
डेंगू होने पर शरीर पर दिखने वाले लक्षण
1. डेंगू होने पर बुखार तेज होता है, जो 104F तक पहुंच जाता है.
2. सिर और जोड़ों में बहुत ज्यादा दर्द होना.
3. उल्टी-मल्ती होना.
4. ग्रंथियों में सूजन आ जाना या उल्टी में खून आना.
5. डेंगू होने पर मरीज का प्लेटलेट काउंट गिरने लगता है.
6. डेंगू होने के 2 से 3 दिन बाद ही कंडीशन बिगड़ने लगती है.
मानसून फीवर और डेंगू होने पर क्या करें
जब बारिश में इन दोनों बीमारियों में से किसी के लक्षण नजर आए तो घर पर इलाज करने में न जुट जाएं. सबसे पहले डॉक्टर के पास जाकर इसका पता लगाएं और फिर सही इलाज करवाएं, क्योंकि कई बार डेंगू में लापरवाही बेहद खतरनाक हो जाती है. इससे मौत भी हो सकती है, इसलिए इस बीमारी को हल्के में नहीं लेना चाहिए और सही समय पर सही कदम उठाना चाहिए.