क्या है स्क्रब टाइफस रहस्यमयी बीमारी

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 काले चकत्ते से शुरुआत और अंत में मौत

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में रहस्यमयी बीमारी अब स्क्रब टाइफस के रूप में सामने आई है। जब इस रहस्यमयी बीमारी के बारे में पता चला तो स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिले के कोह गांव से सैंपल इकट्ठा किए थे और फिर इसी की जांच में सामने आया है कि ये बीमारी स्क्रब टाइफस है। इस बीमारी से जिले में अब तक 12 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। कुछ दिन पहले असम के अखबार में रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी कि गुवाहाटी के कोविड अस्पताल को 15 दिन के लिए बंद करने का आदेश दिया गया है क्योंकि यहां पर भी स्क्रब टाइफस के केस मिले। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अस्पताल में इस बीमारी के 29 केस मिले। इस बैक्टीरियल बीमारी की जद में अस्पताल के सुपरिटेंडेंट भी आ गए थे। इसके अलावा कुछ नर्स और हेल्थ स्टाफ को भी बीमारी ने जकड़ लिया।

स्क्रब टाइफस बीमारी ओरियेंटिया सुटसुगमुशी नामक जीवाणु से होती है। यह एक प्रकार की संक्रमित घुन के काटने से होती है। स्क्रब टाइफस एक जीवाणु जनित संक्रमण है जो लोगों की मौत की बड़ी वजह बनता है। इसके लक्षण काफी हद तक चिकनगुनिया से मेल खाते हैं। ये बीमारी इतनी खतरनाक है कि किसी की जान तक जा सकती है। इससे बचने के लिए कपड़े और बिस्तर आदि पर पर्मेथ्रिन और बेंजिल बेंजो लेट का छिड़काव करना चाहिए। इसके अलावा अगर किसी इंसान में इसके लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

क्या हैं इसके लक्षण

इसके प्रमुख लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और त्वचा पर चकत्ते पड़ना है। कई मामलों में मांसपेशियों में सूजन की घटनाएं भी सामने आई हैं।

क्या इसकी कोई वैक्सीन है

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के मुताबिक अभी तक इस बीमारी के खिलाफ कोई वैक्सीन मौजूद नहीं है। इसका एकमात्र उपाय संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाना है। कोरोना की तरह सोशल डिस्टेंसिंग का नियम इस बीमारी पर भी फिट बैठता है।