Himachal News (आज समाज) शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि बंगाल की डॉक्टर बिटिया के साथ हुई बर्बरता के मामले में सरकार और मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा जो भी किया गया अत्यंत शर्मनाक है। घटना के अगले क्षण से ही सरकार और अस्पताल प्रशासन पूरे प्रकरण पर पर्दा डालने और आरोपियों को बचाने में लगे रहे। अन्यथा घटना पर सबसे पहले पहुंचने वाले डॉक्टर और ज़िम्मेदार पुलिस अधिकारी इस मामले को आत्महत्या कैसे बता सकते हैं।
जो डॉक्टर मृत्यु के सटीक कारण तक बता देते हैं, ऐसे लोगों के सामने डॉक्टर बेटी का क्षत विक्षत शव देखकर भी उसे आत्महत्या कैसे बता सकते हैं। इस मामले में सरकार से लेकर अस्पताल प्रशासन का रवैया सवालों के घेरे में है। जिसका जवाब सरकार और अस्पताल प्रशासन को देना होगा। जल्दी से जल्दी सभी अपराधी को पकड़ा जाए और उन्हें क़ानून के किताब की सबसे कठोर सज़ा स्पीडी ट्रायल के ज़रिए दी जाए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इतनी जघन्यतम घटना में सरकार आरोपी के साथ पूरी तत्परता से लगी रही और पूर्व इंडी ब्लॉक सरकार के साथ खड़ा रहा। राहुल गांधी समेत इंडी ब्लॉक के सभी नेताओं ने एक बार भी सीधे बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सवाल नहीं पूछा। आरोपियों के साथ देते साफ़ नज़र आने पर प्रश्न नहीं उठाया।
इंडी ब्लॉक के नेता बीजेपी के आरोप पर सवाल नहीं उठाते फिर भी समझ में आ सकता है। लेकिन देश भर के लाखों-लाख डॉक्टर्स के सवालों पर भी चुप रहे। मामले की जांच को सीबीआई को सौंपने के समय हाई कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी पर भी चुप रहे। इससे साफ़ है कि बंगाल में क़ानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। ममता बनर्जी और एआईटीएमसी के शासन में बंगाल महिलाओं के लिए नर्क से भी बदतर बन चुका है।